असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर की गई ‘‘पिता-पुत्र'' टिप्पणी के विरोध में सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने यहां असम भवन तक विरोध मार्च निकाला और एनएसयूआई ने सरमा के तत्काल इस्तीफे की मांग की. असम भवन के लिए मार्च यहां एनएसयूआई मुख्यालय से शुरू हुआ. इस दौरान छात्र सरमा के पुतले पर काली स्याही लगाते दिखे. एनएसयूआई (NSUI) के राष्ट्रीय सचिव नितिश गौड़ ने कहा, 'हम असम के मुख्यमंत्री की टिप्पणी के विरोध में पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.
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हमने आज एनएसयूआई मुख्यालय से असम भवन तक एक मार्च निकाला. असम के मुख्यमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी एक महिला का अपमान है और इस तरह की सोच वाले मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.'' सरमा की टिप्पणी की निंदा करते हुए गौड़ ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने बहुत ही अपमानजनक टिप्पणी की है. यह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का अपमान है.' सरमा ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक' का सबूत मांगने और कोविड-19 रोधी टीकों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाने को लेकर हाल में गांधी पर हमला किया था.
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उन्होंने कहा था कि क्या बीजेपी ने कभी इस बात का सबूत मांगा है कि राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे हैं. विरोध और आलोचना के बावजूद असम के मुख्यमंत्री अपनी टिप्पणी पर कायम हैं. रविवार को, उन्होंने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस के बयानों से संबंधित खबरों के कई स्क्रीनशॉट पोस्ट किए. सरमा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘क्या हमारे महान सशस्त्र बलों के साथ खड़ा होना गलत है? उनकी देशभक्ति पर सवाल न उठाएं. उन्होंने देश के लिए जो किया उसका सबूत मत मांगो.'