मध्यप्रदेश में अब से बेटियों को भी अनुकंपा पर नौकरी मिल सकेगी. शिवराज सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है. सरकार ने 29 सितंबर 2014 को अनुकंपा से संबंधित प्रावधानों को लेकर जो निर्णय हुआ था उसमे सरकार ने जरूरी संशोधन की बात भी की है. कैबिनेट की बैठक में ये फैसला भी लिया गया है कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए बेटा और बेटी को समान्य अधिकार हैं. चाहे बेटी की शादी ही क्यों ना हो गई है.
खास बात ये है कि राज्य सरकार का यह फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्य में गरीब और मध्यम वर्ग की विवाहित और अविवाहित महिलाओं को 1000 रुपये मासिक सहायता प्रदान करने के लिए लाडली बहना योजना की घोषणा के दस दिन बाद आया है.
वर्तमान में, राज्य में लगभग 5.40 करोड़ मतदाताओं में से 48% से अधिक लगभग 2.61 करोड़ महिला मतदाता हैं. इसके अलावा, राज्य की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 18 विधानसभा सीटों (सभी आदिवासी आरक्षित सीटों) में महिला मतदाताओं की संख्या वर्तमान में पुरुष मतदाताओं से अधिक हैं.
सुराज नीति-2023 को भी मिली मंजूरी
शिवराज कैबिनेट ने इस बैठक के दौरान सुराज नीति 2023 को भी मंजूरी दी है. इसके तहत मंत्री परिषद ने जिला प्रशासन ने जिस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है, उसका समुचित उपयोग करते हुए आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए सुराज कॉलोनी में आवास निर्माण, अधो-संरचना कार्यों तथा सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण किये जाने का निर्णय लिया. छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी के स्थान पर 450 वर्ग फीट तक के आवासीय पट्टे भी कॉलोनी विकसित कर दिए जा सकेंगे.