कुख्यात अपराधियों और VVIP आरोपियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हो, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल

मुख्तार अंसारी के साथी गैंगस्टर संजीव जीवा की अदालत परिसर में हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट में अंजली पटेल ने दाखिल की जनहित याचिका

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सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:

माफिया मुख़्तार अंसारी के साथी रहे गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका में मांग की गई है कि  कुख्यात अपराधियों और वीवीआईपी आरोपियों की कोर्ट में पेशी के बजाए वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की जानी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ऐसा करने के निर्देश देता है तो निर्दोषों की जान पर आए संकट को रोका जा सकता है और लाखों रुपये के राजस्व की भी बचत हो सकती है, जो इन दुर्दांत अपराधियों और वीवीआईपी आरोपियों की आवाजाही के दौरान खर्च किया जाता है. इतना ही नहीं राज्य सरकार और सुरक्षाकर्मियों की ऊर्जा का भी अन्यत्र उपयोग किया जा सकता है और  क़ीमती समय की भी बचत हो सकती है. 

जनहित याचिका दायर करने वाली याचिकाकर्ता अंजली पटेल ने अपनी याचिका के समर्थन में कई घटनाओं का ज़िक्र भी किया है. इसमें संजीव जीवा की हत्या के अलावा अतीक अहमद और अशरफ़ अहमद की हत्या के अलावा मदनगढ़ कोर्ट कॉम्पलेक्स में गोलीबारी, उत्तर प्रदेश के जौनपुर कोर्ट कॉम्पलेक्स में फ़ायरिंग, आगरा कोर्ट में पुलिस कांस्टेबल पर हमला, हापुड़ कोर्ट कॉम्पलेक्स में सुंदरभाटी गैंग के गुर्गे की गोली मारकर हत्या जैसी तमाम वारदातें शामिल हैं. 

जनहित याचिका में कहा गया है कि यदि सुप्रीम कोर्ट दुर्दांत अपराधियों और वीवीआईपी आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से करने का निर्देश देता है तो जान-माल और वक़्त बेवजह खर्च नहीं होगा. 

इसके पहले भी याचिकाकर्ता अंजली पटेल ने दिल्ली की साकेत कोर्ट मे पिछले दिनों एक महिला को गोली मारे जाने की घटना के बाद अदालतों की सुरक्षा कड़ी किए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी, जिस पर अभी सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई लंबित है.

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