देश में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से उतारे गए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने रविवार को सभी राजनीतिक दलों से चुनाव में उन्हें वोट देने की अंतिम अपील की. एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ मैदान में उतारे गए यशवंत सिन्हा ने अपने बयान में कहा कि इस बार का राष्ट्रपति चुनाव दो उम्मीदवारों के बीच में नहीं है, बल्कि यह दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है.
उन्होंने कहा कि वह भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए खड़े हैं, जबकि द्रौपदी मुर्मू को उन लोगों का समर्थन प्राप्त है जो लोकतंत्र पर रोज हमले कर रहे हैं. यशवंत ने कहा, " मैं धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए खड़ा हूं, जो हमारे संविधान का एक प्रस्तावना स्तंभ है. मेरा प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार उस पार्टी से है जिसने इस स्तंभ को नष्ट करने और बहुसंख्यक वर्चस्व स्थापित करने के अपने संकल्प पर काम किया है."
यशवंत सिन्हा ने कहा, " मैं आम सहमति और सहयोग की राजनीति को प्रोत्साहित करने के लिए खड़ा हूं. मेरे प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को एक ऐसी पार्टी का समर्थन प्राप्त है जो संघर्ष और टकराव की राजनीति करती है." बीजेपी पर निशाना साधते हुए सिन्हा ने कहा कि अगर उनकी उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को भारत के अगले राष्ट्रपति के रूप में चुना जाता है, तो वे उन लोगों के नियंत्रण में होंगी, जिनका उद्देश्य "लोकतांत्रिक भारत को कम्युनिस्ट चीन के अनुकरणकर्ता में बदलना है."
सिन्हा ने कहा, "एक राष्ट्र, एक पार्टी, एक सर्वोच्च नेता. क्या इसे रोका नहीं जाना चाहिए? केवल आप ही इसे रोक सकते हैं." गौरलतब है कि शनिवार को उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया और सभी विधायकों और सांसदों से अपने बुद्धि के अनुसार वोट करने का आग्रह किया. नौकरशाह से राजनेता बने यशवंत सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश और वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाला था. राष्ट्रपति चुनाव सोमवार को होना है. जबकि मतगणना गुरुवार को होगी.
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