राजनीतिक रूप से हिंसा प्रभावित पश्चिम बंगाल में साधुओं पर हमले से हैरानी नहीं : हिमंता बिस्‍वा सरमा 

सरमा ने कहा, ‘‘पुरुलिया में साधुओं पर हमले की घटना से मैं हैरान नहीं हूं. कुछ समय पहले जब मैं एक काफिले में जा रहा था तो मुझ पर भी राज्य में पथराव हुआ था.’’

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सरमा ने कहा कि 22 जनवरी संघर्ष का दिन नहीं बल्कि भारत को फिर से एकजुट करने का दिन होगा. (फाइल)
कोलकाता :

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्‍वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को कहा कि वह ‘‘राजनीतिक रूप से हिंसा प्रभावित पश्चिम बंगाल'' में साधुओं पर हमले से हैरान नहीं हैं. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में तीन साधुओं पर एक भीड़ द्वारा इस संदेह में हमला किए जाने का एक कथित वीडियो सामने आया है कि वे साधु के ‘‘भेष में अपहरणकर्ता'' हैं.  शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित राज्य में ‘‘सनातन हिंदू धर्म'' के सदस्यों को निशाना बनाया जा रहा है और उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार से त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया. 

उन्होंने कहा, ‘‘पुरुलिया में साधुओं पर हमले की घटना से मैं हैरान नहीं हूं. कुछ समय पहले जब मैं एक काफिले में जा रहा था तो मुझ पर भी राज्य में पथराव हुआ था.''

राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा पर बोले सरमा 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को, जब अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा तो यह हिंदू सभ्यता के पुनरुत्थान का गवाह बनेगा. 

भारत को एकजुट करने का दिन : सरमा 

उन्होंने कहा, ‘‘यह विजय का दिन होगा जिसका हिंदू पिछले 500 वर्ष से इंतजार कर रहे हैं. बाईस जनवरी संघर्ष का दिन नहीं बल्कि भारत को फिर से एकजुट करने का दिन होगा.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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