नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट (Supertech Emerald Court) ट्विन टावर की इमारतों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर मंगलवार 21 अगस्त को दोपहर ढाई बजे डिमोलिश (Demolish) किया जाना था. एनओसी न मिलने पर विस्फोट लगाने का काम आज शुरु नही हो पाया है. बता दें, इसके लिये आज दो अगस्त से 10 हजार से छेदों में विस्फोटक लगाने का काम शुरू होना था. हरियाणा के पलवल से विस्फोटक नोएडा लाने और ट्विन टावर के लिए जरूरी एनओसी अभी सुपरटेक और एडिफिस इंजीनियरिंग को नहीं मिली जिसके कारण ये काम शुरु नहीं हो पाया है. बताया जा रहा है कि एनओसी मिलने के बाद ही विस्फोटक लगाने का काम शुरू हो पायेगा.
सुपरटेक एमराल्ड के दोनों टावर एपेक्स-सियान को काले और सफेद जिओ फाइबर टेक्सटाइल से ढका गया है. जिससे डिमोलेशन के दौरान ब्लास्ट के कारण मलबा बाहर न आ सके. एटीएस के सात टावरों को भी जिओ फाइबर टेक्सटाइल से ढका दिया गया है. सारी तैयारिया पूरी होने के बावजूद ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम शुरू नही हो पाया है. डिमोलेशन के लिये करीब 3500 विस्फोटक को पलवल से लाया जाना है इतनी बड़ी मात्रा में पलवल से विस्फोटक लाने और ट्विन टावर में प्रयोग के लिए पुलिस की एनओसी जरूरी होती है. वह नहीं मिल पाई है. अभी तक न आगरा से गाइडलाइंस मिली है और न ही नोएडा से पुलिस की एनओसी मिली है.
नोएडा पुलिस को डायरेक्टर ऑफ एक्सप्लोसिव कंट्रोलर आगरा से गाइडलाइंस भी चाहिए. जब तक इसकी गाइडलाइंस नहीं मिलती तब तक नोएडा पुलिस एनओसी नहीं दे पाएगी. सुपरटेक प्रबंधन का कहना है कि आगरा कार्यालय से लगातार बातचीत चल रही है. करीब 3500 विस्फोटक को पलवल से दो वैन में लाया जाएगा. एक में जिलेटिन की छड़ तो दूसरे में डिटोनेटर होंगे. इसको एक पुलिस की गाड़ी की निगरानी में लाया जाएगा.
नोएडा पुलिस भी आगरा से आने वाली गाइडलाइंस का इंतजार कर रही है. बिल्डर प्रबंधन का कहना है कि 32-32 मंजिल के दो टावरों में विस्फोटक लगाने हैं. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को दिए स्टेटस रिपोर्ट में दो अगस्त से विस्फोटक लगाने की बात कही गई है. जबकि 21 अगस्त को विस्फोट कराना है. वहीं इससे पहले भी कई प्रकार की व्यवस्था करनी है. ऐसे में जितनी देरी होगी. उतना नुकसान होगा. उधर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि विस्फोटक लाने के लिए एनओसी की व्यवस्था कराई जा रही है. उन्होंने दावा किया कि ट्विन टावर गिराने का पूरा काम समयबद्ध तरीके से किया जाएगा.