- नोएडा एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और उसके बाद उड़ानें जल्द शुरू होंगी
- एयरपोर्ट का ग्राउंड ट्रांसपोर्ट हब लंदन के हीथ्रो और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार किया गया
- इस हब में पहले चरण में 1200 वाहनों के लिए पार्किंग होगी और टर्मिनल से दूरी न्यूनतम रखी गई है
नवी मुंबई एयरपोर्ट का बुधवार 8 अक्टूबर को पीएम मोदी ने उद्घाटन किया. लेकिन भारत को इसी महीने एक और बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात मिलने वाली है. सभी की दिलचस्पी यह जानने में है कि नोएडा के जेवर एयरपोर्ट पर उड़ानें कब शुरू होंगी. नोएडा एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को करने वाले हैं. उद्घाटन के 45 दिनों के भीतर जेवर एयरपोर्ट से विमान उड़ना शुरू हो जाएंगे.एयरपोर्ट का ग्राउंड ट्रांसपोर्ट हब का काम पूरा होने वाला है,
लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट की तर्ज पर
टर्मिनल बिल्डिंग का काम अंतिम चरण में है. 20 एकड़ में फैला ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का जमीनी स्तर पर परिवहन सेवाओं का हब बनेगा. यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yeida) का कहना है कि लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट की तर्ज पर ये तैयार किया गया है.
नोएडा हवाई अड्डे का ट्रांसपोर्ट हब भी रेडी
नोएडा हवाई अड्डे के दो टर्मिनलों के बीच ये हब का काम करेगा. एयरपोर्ट के साल के अंत में शुरू होने के लिए ये बेहद जरूरी है.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहले चरण में इस ट्रांसपोर्ट हब कैब, टैक्सी और बसों समेत 1200 वाहनों को पार्क किया जा सकेगा. इस हब से टर्मिनल की दूरी बस कुछ कदम दूर होगी. हवाई यात्रियों को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की तरह आसान ट्रांसपोर्ट सेवा देने के लिए यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि ने यूपी रोडवेज, उत्तराखंड और हरियाणा रोडवेज के साथ समझौता किया है. एचटी रिपोर्ट के मुताबिक, उबर, रैपिडो और महिंद्रा के साथ भी सस्ती कैब सेवा के लिए करार किया गया है.
हवाई यात्रियों के लिए अंतरराज्यीय बस सेवा
एयरपोर्ट की कॉमर्शियल लॉन्च के साथ ये बस सेवा भी शुरू होगी. ये एयरपोर्ट नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी हिस्सों के अलावा देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार (उत्तराखंड) और हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, चंडीगढ़ और पलवल जैसे शहरों से कनेक्ट होगा. आने वाले समय में मेट्रो और नमो भारत ट्रेन स्टेशन (Namo Bharat train) से भी ये एयरपोर्ट ये कनेक्ट होगा. यहां बड़ी कंपनियों के रिटेल आउटलेट, रेस्तरां और लाउंज हॉल होंगे. ये एयरपोर्ट अगले 5 साल में तीन चरण में पूरा होगा, तब यहां 50 हजार वाहन पार्क हो सकेंगे.
DGCA क्लियरेंस
नोएडा एयरपोर्ट में 3900 मीटर का रनवे के साथ एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर तैयार है. एक लाख वर्ग मीटर में टर्मिनल बिल्डिंग भी अंतिम चरण में है. ग्लास फसाद, बोर्डिंग ब्रिज, ई-गेट, बैगेज सिस्टम, सिक्योरिटी स्कैनर भी बन चुके हैं. टैक्सीवे, बिजली-पानी और अग्निशमन केंद्र भी बन चुके हैं.सीआईएसएफ एयरपोर्ट की सुरक्षा पहले ही हाथों में ले चुकी है. एयरपोर्ट को एयरोड्रम लाइसेंस क्लियरेंस का इंतजार है, जो DGCA से दो हफ्ते के भीतर मिल सकती है. मंजूरी मिलने के 45 दिनों के भीतर ही यहां से यात्री उड़ानें शुरू हो जाएंगी.