अनिवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग की सुविधा देने के लिए सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. यह जानकारी आज लोकसभा में दी गई. सरकार अनिवासी भारतीयों (NRI) को प्रॉक्सी वोटिंग की सुविधा प्रदान करने पर विचार कर रही है? इस सवाल के लिखित जवाब में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "...ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है."
अगस्त 2018 में पिछली लोकसभा ने योग्य प्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग अधिकार देने के लिए एक विधेयक पारित किया था, लेकिन राज्यसभा में यह बिल नहीं लाया जा सका.
साल 2020 में चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBS) सुविधा का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया था. यह सुविधा अब तक केवल सेवारत मतदाताओं और पात्र प्रवासी भारतीय मतदाताओं के लिए उपलब्ध है.
इसके लिए चुनाव नियमों में बदलाव की आवश्यकता होगी, लेकिन सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया है.
चुनाव आयोग ने सरकार से कहा था कि डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान की सुविधा के लिए विदेश में रहने वाले भारतीय प्रवासियों से कई आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. ऐसे विदेशी मतदाता अपने मतदान क्षेत्र में उपस्थित होने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि इस उद्देश्य के लिए भारत की यात्रा करना उनके लिए काफी महंगा है. वे रोजगार, शिक्षा या अन्य व्यस्तताओं या बाध्यताओं के कारण अपना देश छोड़कर विदेश में हैं.
अभी तक प्रवासी भारतीयों को मतदाता के रूप में पंजीकरण कराना होता है और मतदान के लिए भारत आना होता है. उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में मूल पासपोर्ट के साथ जाना होता है. वहां वे अपना वोट डालते हैं.