''जातिगत जनगणना का फिलहाल प्रस्‍ताव नहीं'' : सरकार ने राज्‍यसभा में दी जानकारी

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने जाति आधार पर जनगणना की मांग की है.

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केंद्रीय सामाजिक न्‍याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा, जाति आधार पर जनगणना का कोई प्रस्‍ताव नहीं है
नई दिल्ली:

देश में जातिगत जनगणना (Cast Base Census) का फिलहाल कोई प्रस्‍ताव नहीं है. केंद्र सरकार ने राज्‍यसभा में एक लिखित प्रश्‍न के जवाब में यह जानकारी दी. संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सांसद विशंभर प्रसाद निषाद की ओर से पूछे गए सवाल पर केंद्रीय सामाजिक न्‍याय और सशक्‍तीकरण मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC और ST) के बारे में जानकारी होती है. सरकार अभी जाति के आधार पर जनगणना के बारे में कोई विचार नहीं कर रही है. गौरतलब है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार और समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने जाति आधार पर जनगणना की मांग की है.ओबीसी बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने भी जाति आधार जनगणना कराए जाने की मांग की. ओबीसी बिल पर चर्चा में भाग लेने हुए टीएमसी सासंद ओ ब्रायन ने मौजूदा विधेयक का समर्थन किया और सरकार पर आरोप लगाया कि वह कानून बनाते समय जल्दबाजी में रहती है.

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उन्होंने इस क्रम में जीएसटी (उत्पाद एवं सेवा कर) कानून का जिक्र किया और कहा कि संसद से विधेयक के पारित होने और उसके कानून बनने के बाद इसमें तीन सौ से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं. ओ ब्रायन ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक में भी ऐसा हुआ और यह सिर्फ दिखावा साबित हुआ.ब्रायन ने जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग करते हुए दावा किया कि अन्य समुदायों के आरक्षण में वृद्धि की गयी लेकिन एंग्लो-इंडियन समुदाय की सुविधाएं हटा दी गयीं जबकि इस समुदाय के सदस्यों की संख्या काफी कम है.

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तेलुगू देशम पार्टी के राम मोहन नायडू ने जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब 2021 में जनगणना हो रही है तब जाति आधारित गणना करायी जानी चाहिए. ऐसा होने पर ही कल्याण योजनाओं से संबंधित बेहतर नीति एवं योजनाएं बनायी जा सकेंगी.चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी  ने कहा कि सरकार को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए 1278वां संशोधन विधेयक लाना पड़ा. उन्होंने कहा कि ओबीसी के संबंध में 2018 में 102वां संविधान संशोधन लाया गया था वह राज्यों की शक्तियां छीनने वाला था. 

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