गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट जीतने से हमें कोई नहीं रोक सकता : BJP

आप और कांग्रेस नेताओं का मानना है कि दोनों दलों के बीच वोट के बंटवारे ने 156 सीट जीतने में भाजपा की मदद की जो विधानसभा में उसकी अब तक की सबसे ज्यादा सीट हैं.

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अहमदाबाद:

गुजरात में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) का संयुक्त वोट प्रतिशत भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कम रहा हो, लेकिन उन्हें इस राज्य की 26 लोकसभा सीट में से कुछ पर जीत करने दर्ज करने का यकीन है.

वहीं, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कोई भी गठबंधन उनकी पार्टी को गुजरात की सभी 26 सीट जीतने से नहीं रोक सकता और कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी जमीनी हकीकत का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं.

लेकिन कांग्रेस और आप के नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव के आंकड़े अतीत की बात हैं. उनका दावा है कि मतदाताओं की बदलती भावनाओं और नई व्यवस्था के साथ वे भाजपा के खिलाफ अपनी एकजुट लड़ाई के जरिए अधिक संख्या में मतदाताओं को आकर्षित कर पाएंगे.

उन्हें यह भी लगता है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी 26 सीट पर जीत हासिल करने के बाद भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा.

गुजरात की 26 लोकसभा सीट पर एक ही चरण में सात मई को मतदान होगा.साल 2022 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा को 52.50 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस और आप को संयुक्त रूप से 40.2 फीसदी मत हासिल हुए थे.

गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीट में से भाजपा को 156 सीट मिली थीं जबकि कांग्रेस ने 17 और आप ने पांच सीट पर जीत दर्ज की थी.

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ''आप विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन में शामिल है और गुजरात में हम बड़े भाई की भूमिका निभा रहे हैं. गठबंधन निश्चित रूप से भाजपा के खिलाफ मतों के विभाजन को रोकेगा और आप तथा कांग्रेस दोनों की मदद करेगा.''राज्य में कांग्रेस 24 और आप दो सीट पर चुनाव लड़ रही है.

दोशी ने कहा कि कांग्रेस भरूच और भावनगर लोकसभा सीट आप को जिताने के लिए हरसंभव तरीके से मदद कर रही है, जहां अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने आप के भावनगर उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन समारोह में भी भाग लिया. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में, आप ने पहली बार सभी 182 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और भाजपा तथा कांग्रेस दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

आप और कांग्रेस नेताओं का मानना है कि दोनों दलों के बीच वोट के बंटवारे ने 156 सीट जीतने में भाजपा की मदद की जो विधानसभा में उसकी अब तक की सबसे ज्यादा सीट हैं.

गुजरात के आप नेता सागर रबारी ने दावा किया, 'इस बार गठबंधन पिछले विधानसभा चुनाव में हुए वोट के विभाजन को रोकेगा. एक सीट पर केवल एक ही पार्टी के उम्मीदवार का भाजपा प्रत्याशी से मुकाबला होने से मतदाताओं में सत्ता विरोधी भावना विभाजित नहीं होगी.'

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हालांकि, भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि कांग्रेस-आप गठबंधन से 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम को दोहराने की उनकी पार्टी की कोशिश पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा प्रत्येक सीट पांच लाख से अधिक वोट के अंतर से जीतना चाहती है.

पाटिल ने कहा, 'कोई भी गठबंधन भाजपा को सभी 26 सीट जीतने से नहीं रोक सकता. मेरा मानना है कि कांग्रेस और आप अब भी सपने देख रहे हैं तथा जमीनी हकीकत देखने के लिए तैयार नहीं हैं.'
 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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