"किसी भी प्रवासी श्रमिक पर हमला नहीं हुआ" : तमिलनाडु से लौटी बिहार की टीम का दावा

तमिलनाडु गई समिति के प्रमुख डी. बालामुरुगन ने कहा कि प्रवासियों पर कथित हमले के बारे में हर जानकारी अफवाहों पर आधारित थी.

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तमिलनाडु पुलिस द्वारा फ़्लैग किए गए एक फर्जी वीडियो की तस्‍वीर
पटना:

प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के बारे में अफवाहों की जांच करने के लिए तमिलनाडु गए बिहार के अधिकारियों के ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसी अटकले  महज अफवाहें थीं. तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर बिहार लौटने के अपनी रिपोर्ट में इन अधिकारियों ने कहा है कि प्रवासी श्रमिकों पर कोई हमला नहीं हुआ. गौरतलब है कि DMK शासित तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर कथित तौर पर हमलों का आरोप लगाने वाला  ताजा फर्जी वीडियो ( Latest fake video) 6 मार्च को सामने आया था. मनीष कश्यप द्वारा ट्वीट किए गए इस नवीनतम  "फर्जी" वीडियो में "प्रवासी श्रमिकों" में से एक को कैमरे पर बात करने से पहले हंसते हुए देखा जा सकता है. तमिलनाडु पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. मनीष ने ट्विटर पर अपनी पहचान 'पब्लिक फिगर' और "पत्रकार" के तौर पर बताई है. 

पुलिस ने कहा है कि 6 मार्च को सामने आए प्रवासी श्रमिकों के हमलों पर फर्जी वीडियो को पटना में शूट किया गया था. अधिकारियों ने एक बयान में कहा, "बिहार पुलिस की जांच में बहुत सी बातें सामने आई हैं इसमें यह भी शामिल हैं कि बिहार के गोपालगंज में मजदूरों के साथ पिटाई का एक वीडियो कैसे बनाया गया था." उन्‍होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों पर हमलों का फर्जी वीडियो शेयर करने के लिए एक व्‍यक्ति को अरेस्‍ट किया गया है. तमिलनाडु गई समिति के प्रमुख डी. बालामुरुगन ने कहा कि प्रवासियों पर कथित हमले के बारे में हर जानकारी अफवाहों पर आधारित थी. उन्‍होंने कहा, "सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किए गए वीडियो या पोस्‍ट में कोई सच्‍चाई नहीं है." बिहार के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जितेंद्र सिंह गंगवार ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि फर्जी वीडियो पोस्ट करने और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बिहार पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एक और FIR दर्ज की

तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में जमुई जिले के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के चार दिन बाद राज्य पुलिस ने शुक्रवार को मामले की जांच के तहत चार लोगों के खिलाफ एक और FIR दर्ज की है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने ‘यूट्यूबर' मनीष कश्यप, युवराज सिंह और दो अन्य के खिलाफ तमिलनाडु में प्रवासियों के मारे जाने और पिटाई के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में नई FIR दर्ज की है. कश्यप के खिलाफ यह दूसरी FIR है क्योंकि वह पहली FIR में भी नामजद आरोपी थे.

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पहली FIR की जांच के सिलसिले में एक की हुई थी गिरफ्तारी

अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जांचकर्ताओं के बार-बार प्रयास करने के बावजूद मनीष कश्यप और युवराज सिंह ईओयू अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए. वे फरार हैं. अब ईओयू ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.” इससे पहले भी ईओयू ने छह मार्च को मामले में पहली FIR दर्ज की थी और चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ईओयू के अधिकारियों ने पहली प्राथमिकी की जांच के सिलसिले में जमुई से एक अमन कुमार को भी गिरफ्तार किया था. पहली FIR में जिन लोगों के नाम हैं उनमें अमन कुमार, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप शामिल हैं. (भाषा से भी इनपुट)

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