गुजरात में लैंडफॉल के बाद चक्रवात बिपारजॉय के कारण कोई मौत नहीं हुई : NDRF

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा कि बिपरजॉय के लैंडफॉल से पहले दुर्भाग्य से दो लोगों की मौत हुई है. मारा फोकस जीवन को जल्द से जल्द सामान्य करने की ओर है.

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नई दिल्ली:

गुजरात में लैंडफॉल के बाद चक्रवात बिपरजॉय के कारण कोई मौत नहीं हुई है. एनडीआरएफ (NDRF) ने इसकी जानकारी दी है. एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा कि लैंडफॉल से पहले 2 लोगों की मृत्यु हुई थी. लैंडफॉल के बाद कोई जनहानि नहीं हुई. 24 जानवरों की मृत्यु हुई है और 23 लोग घायल हुए हैं. करीब हजार गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है. 800 पेड़ गिरे हैं. राजकोट के अलावा कहीं और भारी बारिश नहीं हो रही है.

डीजी ने कहा कि चक्रवात थोड़ा कमजोर पड़ा है. बिपरजॉय के लैंडफॉल से पहले दुर्भाग्य से दो लोगों की मौत हुई है. 1000 गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है. हमारा फोकस जीवन को जल्द से जल्द सामान्य करने की ओर है. उन्होंने कहा कि तूफान जैसे-जैसे कमजोर और गहरे दबाव में परिवर्तित हो रहा है, तो इससे दक्षिण राजस्थान में बारिश होने की संभावना है. राजस्थान सरकार के अनुरोध पर हमने एक टीम जालौर में पहुंचा दी है. इसके अलावा हमारी कर्नाटक में 4, महाराष्ट्र में भी 5 टीमें तैनात हैं.

तूफान बिपरजॉय जब गुजरात के तट से टकराया तब वहां करीब 135 किमी की रफ्तार से हवाएं चल रही थी और समंदर में काफी ऊंची लहरें उठ रही थीं. अब वहां करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है.

तूफान के कारण गुजरात के भावनगर में दो लोगों की मौत की खबर है. मरने वाले पिता-पुत्र हैं, जो अपने मवेशियों को बचाने के दौरान एक नाले में बह गए. राज्य में करीब 23 लोगों के घायल होने की खबर है. 24 मवेशियों की भी मौत हुई है. कई जगहों पर बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ने की भी खबर है. बिजली के खंभे उखड़ने की वजह से 940 गांवों में बिजली भी गुल है.

गुजरात में मांडवी, सौराष्ट्र और कच्छ के साथ कई और इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं. तूफान के अब उत्तर गुजरात की ओर बढ़ने की संभावना है. धीरे-धीरे ये कमजोर होता जाएगा.

गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश
चक्रवात बिपरजॉय के बृहस्पतिवार को गुजरात के कच्छ जिले में दस्तक देने के बाद भावनगर सहित गुजरात के कई हिस्सों में काफी बारिश हुई है. कच्छ जिले में चक्रवाती तूफान के कारण तेज हवा चली और भारी बारिश हुई, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया. जिले में बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए, कई इलाकों में बिजली गुल हो गई और समुद्र के पास निचले इलाकों में पानी भर गया. एक अनुमान के अनुसार, 900 से ज्‍यादा गांव अंधेरे में हैं. चक्रवात में 2 लोगों की मौत, 22 लोगों  के घायल होने की सूचना है. वहीं, 23 मवेशियों की मौत की भी जानकारी मिली है. अब तूफान राजस्‍थान की ओर बढ़ रहा है. 

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चक्रवात ‘बिपारजॉय' के बृहस्पतिवार शाम को गुजरात में कच्छ के तट से टकराने के बाद तेज हवाएं चलने के कारण देवभूमि द्वारका जिले में कई पेड़ उखड़े गए. इनकी चपेट में आकर तीन लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कच्छ जिले के जखौ और मांडवी कस्बों के पास कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, जबकि घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली टिन की चादरें उड़ गईं. गुजरात तट पर चक्रवात ‘बिपारजॉय' ने शाम 4.30 बजे दस्तक दी और इसके टकराने की प्रक्रिया मध्यरात्रि तक पूरी हुई.

अलर्ट पर राजस्‍थान सरकार
राजस्थान सरकार भी बिपरजॉय को लेकर अलर्ट मोड में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि बिपरजॉय चक्रवाती तूफान के प्रभाव के कारण राज्य में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए सभी इंतजाम कर लिये गये हैं. गहलोत ने कहा कि उन्होंने कल मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, मौसम विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिये हैं. गहलोत ने भरतपुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "कल एक समीक्षा बैठक कर नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लोगों के दलों का गठन कर दिया गया है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है." मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात के कारण जोधपुर और उदयपुर संभाग में 16 और 17 जून को भारी बारिश होने की संभावना है. विभाग के अनुसार, 16 जून को जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर और जोधपुर के आसपास के इलाकों में और 17 जून को जोधपुर, उदयपुर और अजमेर संभाग के आसपास के इलाकों में 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है.

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पानी में फंसे मवेशियों को बचाते समय पिता-पुत्र की मौत
बिपरजॉय चक्रवात के कारण हो रही तेज बारिश के बीच भावनगर में बृहस्पतिवार को एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई. भावनगर में मामलातदार (राजस्व अधिकारी) एस. एन. वाला ने कहा कि सुबह से हुई बारिश के बाद सीहोर शहर के पास भंडार गांव से गुजरने वाले एक नाले के ऊपर से पानी बहने लगा. उन्‍होंने बताया, "अचानक पानी आने से बकरियों का झुंड नाले में फंस गया. जानवरों को बचाने के लिए 55 वर्षीय रामजी परमार और उनका बेटा राकेश परमार (22) नाले में घुस गए. हालांकि, वे पानी में बह गए. उनके शवों को कुछ दूर से निकाल लिया गया."

सुरक्षित स्‍थान पर पहुंचाए गए  94,427 लोग 
राज्य सरकार ने बताया कि तूफान से मद्देनजर निकाले गए 94,427 लोगों में से कच्छ जिले में 46,800, देवभूमि द्वारका में 10,749, जामनगर में 9,942, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,822, जूनागढ़ में 4,864, पोरबंदर में 4,379 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को निकाला गया है. जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, उनमें 8,900 बच्चे, 1,131 गर्भवती महिलाएं और 4,697 बुजुर्ग शामिल हैं. इन आठ जिलों में कुल 1,521 आश्रय गृह बनाए गए हैं. चिकित्सा दल नियमित अंतराल पर इन आश्रय गृहों का दौरा कर रहे हैं.

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अगले तीन दिन एहतियात के तौर पर कुछ और ट्रेन रद्द
पश्चिम रेलवे ने ‘बिपरजॉय' चक्रवात के मद्देनजर अगले तीन दिन एहतियात के तौर पर कुछ और ट्रेन रद्द करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की. भीषण चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय' ने बृहस्पतिवार शाम को गुजरात के कच्छ तट पर दस्तक दी. पश्चिम रेलवे की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उसने ऐहतियात के तौर पर 23 और ट्रेन रद्द कर दी हैं.  इसके अलावा तीन ट्रेन को गंतव्य पर पहुंचने से पहले ही रोक दिया है, जबकि सात अन्य ट्रेन उनके तय स्टेशन की जगह दूसरे स्टेशन से चलाई जाएंगी. चक्रवात के कारण अब तक 99 ट्रेन रद्द की गई हैं, 39 ट्रेन को उनके गंतव्य से पहले ही रोक दिया जाएगा, जबकि 38 ट्रेन को उनके तय स्टेशन के बजाय दूसरे स्टेशन से चलाया जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने चक्रवात के दस्तक देने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री से बात की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार रात गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात करके चक्रवात 'बिपरजॉय' के आने के बाद राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली.प्रधानमंत्री ने अन्य मामलों के साथ-साथ जंगली जानवरों, विशेषकर गिर के जंगल में शेरों की सुरक्षा के लिए राज्य प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा. पटेल ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन पर मुझसे बात करके चक्रवात बिपारजॉय के आने के बाद गुजरात की वर्तमान स्थिति के बारे में सभी जानकारी ली। उन्होंने गिर वन के शेरों समेत सभी जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा."

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