केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को अपने संबोधन में दावा किया कि 2024 तक उत्तर प्रदेश की सड़कों का बुनियादी ढांचा अमेरिका से बेहतर होगा. शनिवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के 81वें अधिवेशन का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया जिसमें गडकरी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. आठ से 11 अक्टूबर तक आयोजित हो रहे इस अधिवेशन में सड़क निर्माण से जुड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के 2500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश पांचवीं बार आईआरसी की मेजबानी कर रहा है.
अपने संबोधन में गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2024 से पहले सड़क पर कुल पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा. उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश को आज मैं कुल सात हजार करोड़ रुपये की सौगात दे रहा हूं जिसमें शाहाबाद बाईपास-हरदोई बाईपास पर 1212 करोड़ रुपये, शाहजहांपुर से शाहाबाद बाईपास (35 किलोमीटर) पर 950 करोड़ रुपये, मुरादाबाद से काशीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2007 करोड़ रुपये, गाजीपुर-बलिया मार्ग पर 1708 करोड़ रुपये और 13 रेलवे उपरिगामी सेतु पर 1000 करोड़ रुपये की तथा अन्य कई परियोजनाएं शामिल हैं.''
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि 2024 तक उत्तर प्रदेश में सड़कों का बुनियादी ढांचा अमेरिका से बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है कि भारत की पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को पांचवें नंबर से पहले नंबर पर लाना है और उसके लिए सड़कों का निर्माण अति आवश्यक है.
गडकरी ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हमारे पास सबकुछ ‘‘बेस्ट'' ही हो, समय की मांग है कि ‘‘वेस्ट'' का प्रयोग कर उत्तर प्रदेश में वातावरण को बिना नुकसान पहुंचाए सड़क का निर्माण किया जाए. उन्होंने कहा कि इकोनॉमी, इकोलॉजी के साथ पर्यावरण और परिवेश पर भी ध्यान देना होगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विकासशील देश है और यहां निर्माण की कीमत अधिक है इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि निर्माण की कीमत को कम और गुणवत्ता को बढ़ाया जाए. गडकरी ने जनता से अपील की डीजल पेट्रोल की बजाय एथेनॉल, मेथेनॉल, विद्युत और सीएनजी के वाहन प्रयोग करें जिससे किराया भी सस्ता होगा.
उन्होंने कहा कि आज हम पराली से एक लाख लीटर बायो एथेनॉल बना रहे हैं और साथ ही हम इससे बायो सीएनजी बनाने पर भी काम कर रहे हैं. गडकरी ने ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य की जरूरत करार देते हुए कहा कि अगर हमारे देश के 117 आकांक्षी जिलों में अगर इस तकनीक पर काम किया जाए तो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने में पूरी मदद मिलेगी और इससे देश में रोजगार सृजन भी होगा.
उन्होंने कहा कि आईसीसीएसए का मानना है कि नेट जीरो के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जो तकनीकी रोडमैप पेश किया जा रहा है, वह ट्रिपल ई (इकोनॉमी, एनवायरमेंट व इकोलॉजी) की अवधारणा पर आधारित है. इसके लिए सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन करने वाले जिन पांच सेक्टर को चुना गया है, उनमें तेल व प्राकृतिक गैस, कृषि व पशुपालन, लैंडफिल एंड वेस्ट, कोयला खनन और परिवहन प्रमुख हैं.
अपने अध्यक्षीय संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में विगत साढ़े पांच साल में सड़क बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि आज आप जहां से भी उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेंगे आपको चार लेन की सड़कें मिलेंगी. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में उत्तर प्रदेश को 81वें अधिवेशन के लिए चुना गया है, इसके लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में नितिन गडकरी ने जिस मजबूती और आत्मविश्वास के साथ बुनियादी ढांचा के विकास पर फोकस किया वो आज एक मॉडल के रूप में देखा जाता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े आठ साल में देश सड़क बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में जिस प्रकार से आगे बढ़ा हैं, उसी से प्रेरणा लेकर हमने उत्तर प्रदेश में काम शुरू किया. हमने ये महसूस किया कि 25 करोड़ जनता की आय में कई गुना वृद्धि करनी है तो हमें बुनियादी ढांचा पर ध्यान देना ही होगा. उसी आधार पर हमने अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया. बुनियादी ढांचा के लिए हमने अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी पर सबसे ज्यादा फोकस किया.
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