झारखंड के मंत्री के BLO को बांधने की बात पर भड़के निशिकांत, बोले- लोकतांत्रिक मर्यादा का अपमान

निशिकांत दुबे ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के BLO को बांधने वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे न केवल गैर-जिम्मेदाराना बताया, बल्कि गुमराह करने की कोशिश भी कहा. निशिकांत दुबे ने कहा कि इससे समाज में भ्रम फैलता है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • निशिकांत दुबे ने झारखंड के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के BLO को बांधने वाले बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया.
  • निशिकांत दुबे ने कहा कि BLO जैसे अधिकारियों का घर-घर सत्यापन प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा है.
  • डॉ. इरफान अंसारी ने SIR पर सवाल खड़े किए थे.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के BLO को बांधने वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे न केवल गैर-जिम्मेदाराना बताया, बल्कि गुमराह करने की कोशिश भी कहा. निशिकांत दुबे ने कहा कि इससे समाज में भ्रम फैलता है.

निशिकांत दुबे ने कहा, 'SIR को लेकर मंत्री डॉ. इरफान का बयान न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि जनता को गुमराह करने की कोशिश भी है. बीएलओ जैसे जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारी जब घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं, तो उन्हें बांधने की बात करना प्रशासनिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक मर्यादा का अपमान है. ऐसे बयान समाज में भ्रम फैलाते हैं. कांग्रेस ने हमेशा से यही राजनीती की है और बांग्लादेशी घुसपैठियों का साथ दिया है.'

यह भी पढ़ें- 23 सालों में बंगाल के 10 जिलों में दोगुनी हुई आबादी... बीजेपी ने टीएमसी को SIR पर EC के आंकड़ों से घेरा

क्या था डॉ. इरफान का बयान?

दरअसल झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एसआईआर (SIR) को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए थे. रविवार को ‘सेवा के अधिकार सप्ताह' के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने दावा किया कि एसआईआर के नाम पर भाजपा लोगों को घुसपैठिया घोषित कर वोटर लिस्ट से नाम हटाने की साजिश कर रही है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे एसआईआर का विरोध करें और यदि बीएलओ घर पर जानकारी लेने आएं तो उन्हें बांधकर रखने तक की बात कही. 

यह भी पढ़ें- ओवैसी ने बिहार में खेला कौन सा 'खेल'? नीतीश सरकार को सशर्त समर्थन के मायने क्या

'बिहार में 65 लाख लोगों के नाम काटे'

मंत्री ने कहा कि बिहार में एसआईआर के बहाने करीब 65 लाख लोगों के नाम वोटर सूची से हटाए गए, जिससे महागठबंधन को करीब 80 विधानसभा सीटों का नुकसान हुआ. उनका कहना था कि इससे कई नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित हो गए और उनकी नागरिकता पर भी सवाल खड़ा कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अब इसी प्रक्रिया को बंगाल और फिर झारखंड में लागू करने की तैयारी कर रही है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
New Chief Justice Of India: जस्टिस सूर्यकांत बने देश के 53वें CJI, इतने महीने का होगा कार्यकाल
Topics mentioned in this article