भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी वरवर राव द्वारा नियमित जमानत की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने वरवर राव को नियमित जमानत देने का विरोध किया है. आरोपी के कृत्य का भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता पर सीधा प्रभाव पड़ता है. साथ ही राव ने नक्सलियों की विध्वंसक गतिविधियों को लाभ दिया है, जिससे भारी तबाही हुई है. पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की मौतें हुई हैं. हलफनामे में NIA ने कहा कि आरोपी संवैधानिक आधार पर राहत पाने का हकदार नहीं हैं, क्योंकि उसके कृत्य "राज्य और समाज के हित के खिलाफ" हैं और उसका अपराध गंभीर है.
सबूत बताते हैं कि राव और उनके सह-आरोपी "लगातार माओवादियों के एजेंडे को पूरा करने की प्रक्रिया में थे. वह एक बड़ी साजिश का हिस्सा था. राव पहले ही चिकित्सा आधार पर महीनों की जमानत का आनंद ले चुके हैं. राव द्वारा दायर याचिका पर आज सुनवाई होनी है.
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