NHRC ने ब्लड ट्रान्सफ्यूशन के बाद 6 बच्चों के HIV पॉजिटिव होने पर जताई चिंता, राज्यों से 4 हफ्ते में जवाब तलब

छह बच्चों के HIV से संक्रमित होने का मामला सामने आने के कुछ दिनों बाद मध्य प्रदेश के सतना के जिला अस्पताल में एक डॉक्टर और दो प्रयोगशाला तकनीशियनों को निलंबित कर दिया गया है.

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  • मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद छह बच्चों में HIV संक्रमण की पुष्टि हुई है
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस गंभीर घटना पर सभी राज्यों को चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है
  • सतना में HIV पॉजिटिव पाए गए बच्चों का थैलेसीमिया का इलाज चल रहा था और इलाज के दौरान ब्लड ट्रांसफ्यूजन हुआ था
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नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल में ब्लड ट्रान्सफ्यूशन के बाद छह बच्चों के HIV पॉजिटिव पाए जाने की ख़बरों को लेकर चिंता बढ़ रही है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस घटना की मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश समेत सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, HIV से संक्रमित हुए बच्चों का थैलेसीमिया का इलाज चल रहा था. इस बीमारी के इलाज के दौरान समय-समय पर ब्लड ट्रान्सफ्यूशन की जरूरत पड़ती है. ख़बरों के अनुसार जनवरी से मई, 2025 के बीच 6 बच्चों में HIV संक्रमण की पुष्टि हुई और अब यह मामला सामने आया है.

छह बच्चों के HIV से संक्रमित होने का मामला सामने आने के कुछ दिनों बाद मध्य प्रदेश के सतना के जिला अस्पताल में एक डॉक्टर और दो प्रयोगशाला तकनीशियनों को निलंबित कर दिया गया है. राज्य सरकार द्वारा गठित सात सदस्यीय जांच समिति के प्रारंभिक जांच के आधार पर इन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है.

NHRC ने राज्यों से चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने एक मीडिया रिलीज़ जारी करते हुए कहा, "आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट में दी गई जानकारी सही है, तो इससे पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठता है. देश के विभिन्न हिस्सों में घटी ऐसी ही घटनाओं की जानकारी भी आयोग को मिली है. इसलिए आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे इस मुद्दे से निपटने के लिए उठाए गए या प्रस्तावित कदमों का विवरण दें."

सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरूण राठी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और राज्य में सरकारी और निजी ब्लड बैंकों को निर्देश दिया कि सभी रक्त केंद्रों का ऑडिट किया जाए और पांच दिनों के भीतर ड्रग कंट्रोलर को रिपोर्ट सौंपी जाए.

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