दृष्टिबाधितों के लिए कला का नया आयाम: 'हुनर अनलिमिटेड' में NFC तकनीक से सजी पेंटिंग्स

18 जनवरी को PHD के मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम ने तकनीकी और सृजनात्मकता के संगम के माध्यम से एक नई पहल की.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins

PHD चैम्बर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री द्वारा आयोजित 'हुनर अनलिमिटेड' कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाई गई चित्रकलाओं ने नवाचार और सामाजिक समावेशीता का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत किया. लेकिन ये कलाकृतियाँ सामान्य नहीं थीं क्योंकि इनमें नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) और क्विक रिस्पॉन्स (QR) कोड तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जिससे दृष्टिबाधित लोग भी कला का अनुभव कर सकते हैं.

18 जनवरी को PHD के मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम ने तकनीकी और सृजनात्मकता के संगम के माध्यम से एक नई पहल की. NFC और QR कोड्स जो चित्रों में लगे थे, उन्होंने दृष्टिबाधित आगंतुकों को अपने स्मार्टफोन से स्कैन करने और ऑडियो विवरणों के माध्यम से कला को अनुभव करने की संभावना प्रदान की.सेंट स्टीफेंस कॉलेज के ऑर्थोपेडिक डॉ. मैथ्यू वर्गीज, जिन्होंने इन चित्रों को कार्यक्रम में लाने में मुख्य भूमिका निभाई, ने इस तकनीक के क्षेत्र में क्रांतिकारी क्षमता को रेखांकित किया. उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "दुनिया भर के संग्रहालयों में दृष्टिबाधितों के लिए नैरेशन तकनीकें हैं. हमारी दृष्टि है कि भारत के हर संग्रहालय में ये NFC चिप्स लगाए जाएं."

 विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल भी शामिल हुए, जिन्होंने एनडीटीवी  को अपनी प्रतिक्रिया में कहां, "PHD चैम्बर जैसी संगठनों द्वारा समाज के सबसे कमजोर वर्गों के बच्चों को उद्यमी कौशल और प्रशिक्षण से संपन्न करना देखकर अच्छा लगता है. आज का कार्यक्रम यह दिखाता है कि कैसे तकनीक अंतरों को पाट सकती है, जिससे अंधे भी कला के संवर्धन का आनंद ले सकते हैं."

चैम्बर के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने 'आत्मनिर्भर भारत' की प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि के साथ संगठन की प्रतिबद्धता को प्रकट किया, विशेष रूप से अशक्षम बच्चों के कौशल विकास पर जोर देते हुए.  कार्यक्रम के अंत में, PHD फ़ैमिली वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्षा अनुराधा गोयल ने डॉ. वर्गीज के प्रयासों और कला में NFC तकनीक की संभावनाओं की प्रशंसा की.  उन्होंने ऐसे नवाचारों के महत्व पर जोर दिया जो दृष्टिबाधितों को अनुभव के माध्यम से 'देखने' की अनुमति देते हैं. 

यह आयोजन सिर्फ तकनीकी प्रगति का ही प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह उन कुशल शिल्पकारों की प्रतिभा को भी उजागर करता था जिनके द्वारा बनाई गई वस्त्रों की बिक्री कार्यक्रम में की गई थी, ये वस्त्र PHD परिवार कल्याण फाउंडेशन की कौशल विकास इकाइयों में प्राप्त प्रशिक्षण का परिणाम थे.  चित्रों की सफलबिक्री ने युवा कलाकारों की प्रतिभा और कठिन परिश्रम की गवाही दी, और सभी की उस समर्पण की जिसने कला को समावेशी अनुभव बनाया. 

Advertisement

ये भी पढ़ें-:

Featured Video Of The Day
Israel Hamas War: Donald Trump ने एक बार फिर क्यों इतनी बुरी तरह से धमकाया हमास को | NDTV Duniya
Topics mentioned in this article