सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर तीन अक्टूबर को करेगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसवीएन भट्टी के मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, मामले को अगले सप्ताह किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जा रहा

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आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) की एक नई पीठ तीन अक्टूबर को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में प्राथमिकी रद्द करने संबंधी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandra babu Naidu) की याचिका पर सुनवाई करेगी. इससे पहले, बुधवार को न्यायाधीश एसवीएन भट्टी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.

मामला जैसे ही सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति भट्टी की पीठ के सामने आया, न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘‘मेरे सहयोगी को इस मामले की सुनवाई में थोड़ी कठिनाई है. हम इसे अगले सप्ताह किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दे रहे हैं.''

इसके बाद नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने तुरंत मामले का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष किया और आगामी छुट्टियों के मद्देनजर तत्काल सुनवाई की मांग की. सुप्रीम कोर्ट में 28 सितंबर से दो अक्टूबर तक अवकाश के बाद तीन अक्टूबर से कामकाज शुरू होगा.

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प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘‘हम इस मामले को मंगलवार (तीन अक्टूबर) को अन्य पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे.''

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''जांच एजेंसी नायडू की पुलिस हिरासत के लिए दबाव बना रही''

वरिष्ठ वकील ने अदालत को बताया कि जांच एजेंसी पूर्व मुख्यमंत्री नायडू की पुलिस हिरासत के लिए दबाव बना रही है और पीठ से जांच एजेंसी को ऐसा करने से रोकने का अनुरोध किया. उन्होंने यह भी दलील दी कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता के प्रावधान के अनुसार, गिरफ्तारी के पहले 15 दिन के बाद पुलिस हिरासत की मांग नहीं की जा सकती.

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इस पर, पीठ ने स्पष्ट किया कि वह निचली अदालत के न्यायाधीश को तेदेपा प्रमुख की पुलिस हिरासत संबंधी याचिका पर विचार करने से नहीं रोक सकती. लूथरा ने कहा कि चूंकि मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध था, इसलिए नायडू के वकील ने निचली अदालत के समक्ष उनकी जमानत याचिका पर जोर नहीं दिया. उन्होंने कहा कि जब नायडू को हिरासत में लिया गया तो वह राजनीतिक समर्थन जुटाने के लिए पूरे आंध्र प्रदेश की यात्रा कर रहे थे.

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मामला करोड़ों रुपये के घोटाले से संबंधित

आंध्र प्रदेश की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने नायडू की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला करोड़ों रुपये के घोटाले से संबंधित है.

नायडू ने कौशल विकास निगम में कथित घोटाले के संबंध में उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज करने के आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए 23 सितंबर को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. उच्च न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को उनकी याचिका खारिज कर दी थी.

आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (CID) ने टीडीपी प्रमुख नायडू को 371 करोड़ रुपये के कथित कौशल विकास निगम घोटाला मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया था.

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