नीट (यूजी) विवाद को लेकर दायर हुई नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो हफ्ते तक टाल दी है. याचिका में दोबारा परीक्षा में शामिल करने के आदेश की मांग की गई है. साथ ही राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) अधिकारियों के खिलाफ “OMR शीट में हेराफेरी” करने के लिए कार्रवाई की मांग भी इस याचिका में की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये परीक्षा 23 जून को हो चुकी है. साथ ही उसकी आंसर-की भी सार्वजनिक की गई थी. इस मामले में जनहित याचिका कैसे दाखिल की जा सकती है? इसपर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को फिर से परीक्षा के आदेश देता है तो याचिकाकर्ता भी परीक्षा दे सकता है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता सबरीश रंजन से कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट में मामले पर बहस करने से पहले हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस लें और एक हलफनामा भी दाखिल करे कि उन्होंने हाईकोर्ट से केस वापस ले लिया है. याचिका में कहा गया है कि NTA अधिकारी OMR में हेराफेरी में शामिल रहे हैं. साल 2020 से हम अदालत में आ रहे हैं. OMR शीट बदल दिए गए हैं. NTA के पास मूल OMR नहीं हैं. अदालत को OMR देखनी चाहिए. रजंन ने कथित पेपर लीक, खोए हुए समय के लिए ग्रेस मार्क्स देने और नीट-यूजी परीक्षा के आयोजन के दौरान हुई अनियमितताओं में न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की है.
परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी
बता दें नीट (यूजी) 2024 की परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख छात्र शामिल हुए थे. परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे, लेकिन इसके बाद अन्य अनियमितताओं के अलावा प्रश्न पत्र लीक के आरोप लगाए गए. इस मामले में पहले ही कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं हैं.
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