718 में 78 हैं ग्रेस मार्क, क्या दोबारा NEET एक्जाम देंगे यश, समझें छात्रों का कन्फ्यूजन

यदि उम्मीदवार पुन: परीक्षा नहीं देना चाहेंगे तो उन्हें दिए गए कृपांक कम करके पहले के अंकों के आधार पर परिणाम घोषित किया जाएगा. पुन: परीक्षा के नतीजे 30 जून को आएंगे और काउंसलिंग छह जुलाई को शुरू होगी.

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1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क दिए गए.
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने नीट-यूजी परीक्षा के 1,563 अभ्यर्थियों को ग्रेस देने का फैसला निरस्त कर दिया है और छात्रों को 23 जून को पुन: परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है. हरियाणा के झज्जर की रहने वाले छात्र यश कटारिया ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "मुझे ग्रेस मार्क्स सहित 718 अंक मिले हैं. सभी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्वीकार करना चाहिए... थोड़ा सा तो गलत हुआ है. हमारे सेट के प्रश्न अलग थे. दोबारा पेपर देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी सोच रहा हूं, मेरा स्कोर 640 है. मेरा वास्तविक स्कोर एक सुरक्षित स्कोर है..." . अगर आपने मेहनत की है तो आपका सिलेक्शन जरूर होगा.

वहीं एडवोकेट जॉली विकास ने सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी रिजल्ट मामले की सुनवाई के बारे में कहा, मांग यह है कि पूरा रिजल्ट रद्द किया जाए, तभी छात्रों को न्याय मिलेगा. दूसरी बात, हमने आग्रह किया है कि मामले को एसआईटी को सौंप दिया जाए. सभी मामलों को अंतिम बहस के लिए 8 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है."

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क्या है पूरा मामला, जानें

चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक' (नीट-यूजी) में इस बार 24 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए हैं. यह परीक्षा कई अनियमितताओं के आरोपों को लेकर विवाद से घिर गई और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन तथा राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए. नीट-यूजी को लेकर आरोप लगे हैं कि कुछ छात्रों के अंक बढ़ाए गए और इस वजह से ही इस बार रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने पूरे अंकों साथ शीर्ष रैंक हासिल की है. पिछले साल, दो छात्र अव्वल आए थे.

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ग्रेस मार्क्स से मचा बवाल

दरअसल छह केंद्रों पर परीक्षा में देरी के कारण हुए समय के नुकसान की भरपाई के लिए 1,500 से अधिक छात्रों को दिए गए कृपांक (ग्रेस मार्क) भी सवालों के घेरे में हैं. मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ में कम से कम छह परीक्षा केंद्रों के छात्रों ने परीक्षा के दौरान समय बर्बाद होने की शिकायत की थी. इन स्थानों पर, छात्रों को प्रशासनिक कारणों से परीक्षा के उत्तर लिखने के लिए पूरे 3 घंटे और 20 मिनट नहीं मिले. इन कारणों में गलत प्रश्नपत्र, फटी हुई ओएमआर शीट का वितरण या ओएमआर शीट के वितरण में देरी शामिल हैं.

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राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा गठित एक समिति ने मामले की जांच की और उम्मीदवारों को होने वाले समय के नुकसान की भरपाई के लिए 2018 के एक फैसले में शीर्ष अदालत द्वारा तैयार और अपनाए गए फॉर्मूले का उपयोग करने का विकल्प चुना. समय की हानि का पता लगाया गया और ऐसे उम्मीदवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में कृपांक दिए गए.

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अधिकारियों के अनुसार, उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत फॉर्मूले के अनुरूप समय की हानि की भरपाई के लिए 1,563 उम्मीदवारों को कृपांक दिए गए हैं. जिन 67 अभ्यर्थियों को 720 में से 720 अंक मिले, उनमें से 44 को भौतिक विज्ञान की एक उत्तर कुंजी में संशोधन के कारण इतने अंक मिले और छह को समय की हानि की क्षतिपूर्ति के लिए दिए गए कृपांक के कारण पूरे अंक मिले.

परीक्षा प्रश्नपत्र लीक के लगे आरोप

परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के भी आरोप लगे हैं. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पिछले महीने कहा था कि उसकी जांच से पता चला है कि नीट-यूजी के प्रश्न पत्र और उत्तर 5 मई को होने वाली परीक्षा से पहले ही लगभग 35 उम्मीदवारों को दे दिए गए थे. मामले के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

मंत्रालय ने छात्रों को दिए गए कृपांक की समीक्षा के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि प्रश्नपत्र लीक होने का कोई सबूत नहीं है और एनटीए में भ्रष्टाचार के दावे निराधार हैं.

उच्चतम न्यायालय का रुख

शीर्ष अदालत ने नीट-यूजी, 2024 की शुचिता प्रभावित होने की बात का संज्ञान लिया लेकिन प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. एनटीए की विशेषज्ञ समिति ने न्यायालय को बताया कि एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट-यूजी परीक्षा के 1,563 अभ्यर्थियों को कृपांक देने का फैसला निरस्त कर दिया गया है और उन्हें 23 जून को पुन: परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा. (भाषा इनपुट के साथ)

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