NEET UG 2021 Exam: सुप्रीम कोर्ट ने कहा एक्सपर्ट पैनल करे फिजिक्स के एक प्रश्न की जांच, अनुवाद सही या गलत?

NTA का नियम कहता है कि NEET परीक्षा में किसी सवाल के अनुवाद में किसी भी तरह की अस्पष्टता या संशय की स्थिति में उस सवाल का इंग्लिश वर्जन फाइनल माना जाएगा. इस संबंध में एनटीए का निर्णय ही अंतिम होगा.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा विशेषज्ञों की समिति करे भौतिकी पेपर में एक प्रश्न की शुद्धता का मूल्यांकन.
नई दिल्ली:

इस साल हुई NEET UG 2021 Exam में फिजिक्स के एक सवाल के हिंदी अनुवाद पर उठे विवाद के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भौतिकी (Physics) पेपर में एक प्रश्न की शुद्धता का मूल्यांकन तीन विशेषज्ञों की एक समिति करे. साथ ही कोर्ट ने केंद्र को ये समिति गठित करने के आदेश दिए हैं और समिति की राय और समाधान का हलफनामा भी दाखिल करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हम भौतिकी में असफल नहीं होना चाहते, क्योंकि हम विषय के बारे में कुछ भी नहीं जानते. यह बेहतर होगा कि इसकी जांच उन विशेषज्ञों द्वारा की जाए, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाएं भी जानते हों.

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इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जो कमेटी पहले से गठित है, उसके अलावा एक अन्य कमेटी का गठन किया जाएगा. दरअसल, NEET 2021 में पूछे गए भौतिकी के एक सवाल पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. परीक्षा देने वाले छात्रों ने शीर्ष अदालत में याचिका लगाई है.

याचिकाकर्ताओं ने अपील की है कि अदालत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नीट 2021 में पूछे गए भौतिकी के एक सवाल को हटाने और दोबारा रिजल्ट जारी करने का निर्देश दे. - याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भौतिकी सेक्शन में प्रश्न संख्या 2 में पूछे गए सवाल का हिन्दी अनुवाद गलत था. प्रश्न के हिन्दी अनुवाद में ‘amplitude of current' का जिक्र ही नहीं किया गया था जो कि अंग्रेजी में पूछे गए सवाल का हिस्सा था.

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जिन परीक्षार्थियों ने हिन्दी के सवाल पढ़कर उत्तर दिए, उनके उत्तर गलत हुए क्योंकि सवाल का अनुवाद ही गलत था. याचिका में कहा गया है कि NTA की इस गलती के कारण हिन्दी भाषी स्टूडेंट्स को अंकों और रैंक का नुकसान भुगतना पड़ रहा है.

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वैसे NTA का नियम कहता है कि  NEET परीक्षा में किसी सवाल के अनुवाद में किसी भी तरह की अस्पष्टता या संशय की स्थिति में उस सवाल का इंग्लिश वर्जन फाइनल माना जाएगा. इस संबंध में एनटीए का निर्णय ही अंतिम होगा.

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