अब भी पूछेंगे युवा क्यों छोड़ते हैं देश... : NEET-PG एग्जाम पोस्टपोन होने पर छलका छात्रा का दर्द, बयां की आपबीती

NEET-PG एग्जाम के लिए 259 शहरों में 1000 से ज्यादा टेस्ट सेंटर बनाए गए थे. ये टेस्ट नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) कंडक्ट करता है. इसके जरिए MBBS स्टूडेंट्स देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में मास्टर ऑफ सर्जरी (MS) और MD (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) जैसे कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं.

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NEET-PG एग्जाम पिछले 10 दिनों में कैंसिल या पोस्टपोन होने वाला चौथा बड़ा एग्जाम है. एग्जाम कैंसिल होने पर छात्र सड़कों पर उतर आए हैं.
नई दिल्ली:

पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक जो पेपर लीक के मामले सामने आए हैं, उससे हर किसी को निराशा हुई है. चाहे छात्र हो या उनके अभिभावक या फिर आम नागरिक सभी मौजूदा एजुकेशन सिस्टम को कोस रहा है. पहले NEET UG एग्जाम में कथित तौर पर पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों का मामला सामने आया. फिर पेपर लीक की आशंका के बीच UGC-NET एग्जाम कैंसिल कर दिया गया. इसके बाद CSIR-NET का एग्जाम रद्द हुआ. फिर यूपी पुलिस भर्ती समेत कुछ और परीक्षाएं भी कैंसिल हो गईं. अब NEET PG एग्जाम को स्थगित करने के सरकार के अचानक फैसले से छात्रों में खासा आक्रोश है. छात्र सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए अपना दर्द शेयर कर रहे हैं.

NEET-PG एग्जाम पिछले 10 दिनों में कैंसिल या पोस्टपोन होने वाला चौथा बड़ा एग्जाम है. 9 दिनों में NTA की तीन बड़ी परीक्षाएं कैंसिल होने के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये कदम उठाया. NEET-PG का एग्जाम 23 जून को ऑनलाइन मोड में होना था. इसी बीच एग्जाम स्थगित कर दिया गया.

एग्जाम स्थगित होने की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा - "कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियों के आरोप के बीच एहतियात के तौर पर NEET-PG की डेट आगे बढ़ा दी गई है. जल्द ही एग्जाम की नई डेट अनाउंस कर दी जाएगी."

NEET-PG एग्जाम के लिए 259 शहरों में 1000 से ज्यादा टेस्ट सेंटर बनाए गए थे. ये टेस्ट नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) कंडक्ट करता है. इसके जरिए MBBS स्टूडेंट्स देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में मास्टर ऑफ सर्जरी (MS) और MD (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) जैसे कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं. NEET-PG एग्जाम स्थगित होने की खबर शनिवार देर शाम आई. ऐसे में ज्यादातर छात्र पहले ही अपने अलॉट शहरों में पहुंच चुके थे. 

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ऐन वक्त पर एग्जाम पोस्टपोन होने से जहां एजुकेशन सिस्टम और एजुकेशन डिपार्टमेंट की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. दूसरी ओर, छात्र भी अपने भविष्य को लेकर आशंकाओं से घिर रहे हैं. वहीं, भीषण गर्मी में छात्रों को एग्जाम दिलाने उनके साथ आए अभिभावकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है.

NDTV से डॉ. तन्मय मोतीवाला ने कहा, "मेरी एक जूनियर हाल ही में मां बनी है. वह एग्जाम के लिए अपने बच्चे और परिवार के साथ 200 किलोमीटर की यात्रा करके आई थी. लेकिन सारी कोशिशें बेकार गईं. एग्जाम पोस्टपोन हो गया." डॉ. इशिका डोगरा कहती हैं, "मेरी सारी कोशिशें बेकार हो गई हैं. पढ़ाई के लिए मैंने इतनी मेहनत की थी. सब गड़बड़ हो गया. ये एजेंसी का सबसे बड़ा फेल्योर है." 

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डॉ. चित्रांश दुबे कहते हैं, "मैं और मेरी बहन एग्जाम सेंटर तक पहुंचने के लिए 200 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करके आई थीं. एग्जाम शुरू होने के 9 घंटे पहले पता चला कि पेपर पोस्टपोन हो गया है. ये एजुकेशन सिस्टम की बड़ी खामी है."

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क्या अब भी पूछेंगे हम युवा क्यों छोड़ते हैं देश?
NEET-PG एग्जाम पोस्टपोन होने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी छात्र अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा- "क्या लगता है सरकार आपके साथ नहीं है, वो पेपर माफिया के साथ है." एक छात्रा ने गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा, " जब आप एडमिट कार्ड जारी कर रहे थे तो आपने क्या किया? NEE-UG विवाद तब भी चल रहा था, तब आपको किसने रोका और अब आप ऐसा क्यों कर रहे हैं, आप यहां क्या साबित करना चाह रहे हैं? ये डॉक्टर हैं, ये छोटे बच्चे नहीं हैं, वे इसी देश में रहने के लिए परीक्षा दे रहे हैं जिसे आप उनकी नीतियों से बर्बाद कर रहे हैं और फिर आपमें हर किसी से यह पूछने का साहस है, ‘हर युवा देश क्यों छोड़ रहा है?"

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ऐन वक्त पर क्यों दी गई एग्जाम पोस्टपोन होने की जानकारी?
NEET छात्रों और अभिभावकों की एक तरह से रिप्रेजेंटेटिव सुधा शिनॉय कहती हैं, "एग्जाम ऐन वक्त पर कैंसिल हुए. बच्चे एग्जाम देने के लिए सेंटर पहुंचे थे. सुबह 9 बजे उनका पेपर था. 7 बजे रिपोर्टिंग होनी थी. शनिवार रात 10 या 10:30 बजे के आसपास उन्हें एग्जाम पोस्टपोन होने की जानकारी मिली. गौर करने वाली बात ये है कि ऑफिशियल चैनलों पर कोई अपडेट नहीं दिया आ रहा था. सिर्फ स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट किया और एग्जाम कैंसिल होने की जानकारी दी. फिर रात 11:30 के आसपास एक ऑफिशियल नोट आया. सवाल ये है कि अगर प्रशासन को पेपर लीक की थोड़ी बहुत ही आशंका थी, तो जानकारी पहले क्यों नहीं दी गई."

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पेपर बैंक का होना चाहिए इंतजाम
सुधा शिनॉय कहती हैं, "ऑफिशियल्स के पास पेपर बैंक होना चाहिए था. अगर एक पेपर लीक हुआ, तो नए पेपर से एग्जाम कंडक्ट करा लेना चाहिए था. ताकि जिन छात्रों ने कड़ी मेहनत की, उनका पेपर हो जाता और रैंक आ जाती. बाकी पेपर बदलने से लीक में शामिल छात्रों का फैसला भी अपने आप हो जाता. पूरे एग्जाम को पोस्टपोन कराने से उन छात्रों को ज्यादा नुकसान हुआ, जिन्होंने पूरे साल जी-तोड़ मेहनत की थी."

शिनॉय कहती हैं, "मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के पास इस परीक्षा को स्थगित करने के ठोस कारण होंगे. सरकार को परीक्षा रद्द करने के लिए तत्काल जवाब देना चाहिए."

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