कश्मीर में NDTV गुड टाइम्स का लाइव कॉन्सर्ट, अब्दुल्ला परिवार की गैर-मौजूदगी पर अमित मालवीय ने उठाए सवाल

खूबसूरत डल झील के किनारे स्थित SKICC में बड़ी संख्या में लोग इस शो को देखने आए. यह कॉन्सर्ट 26 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में आयोजित होने वाला पहला बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम भी था. इस दौरान, सोनू निगम ने अपने गुरु और संगीत के दिग्गज मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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  • सोनू निगम ने डल झील के किनारे आयोजित पहले बड़े लाइव म्यूजिकल इवेंट में अपनी प्रस्तुति दी.
  • यह कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद आयोजित पहला बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम था, जिसमें भारी भीड़ शामिल हुई.
  • अमित मालवीय ने कहा कि कट्टरपंथी मौलवियों के बहिष्कार के बावजूद कार्यक्रम में हिजाब पहनी युवतियां भी शामिल थीं.
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कश्मीर:

रविवार को, सोनू निगम ने डल झील के किनारे आयोजित एक शानदार कॉन्सर्ट में प्रस्तुति दी, जिसे NDTV गुड टाइम्स ने कश्मीर घाटी में होस्ट किया था. यह कॉन्सर्ट घाटी में आयोजित होने वाला पहला बड़ा लाइव म्यूजिकल इवेंट था, जिसे सोनू निगम ने अपनी आवाज से जीवंत कर दिया.

खूबसूरत डल झील के किनारे स्थित SKICC में बड़ी संख्या में लोग इस शो को देखने आए. यह कॉन्सर्ट 26 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में आयोजित होने वाला पहला बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम भी था. इस दौरान, सोनू निगम ने अपने गुरु और संगीत के दिग्गज मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

इस कॉन्सर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने 'एक्स' पर लिखा कि, "कट्टरपंथी मौलवियों के बहिष्कार के आह्वान के बावजूद, NDTV गुड टाइम्स ने कश्मीर में एक शानदार संगीत समारोह आयोजित किया. खास बात यह थी कि इसमें भारी भीड़ उमड़ी, जिसमें हिजाब पहने युवतियां भी शामिल थीं, जो संगीत और आजादी का जश्न मनाने आई थीं."

अमित मालवीय ने कहा कि दुखद विडंबना? मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शायद कट्टरपंथी तत्वों के हमले के डर से कार्यक्रम से दूर रहने का फैसला किया. फारूक अब्दुल्ला भी कश्मीर के लिए अपनी पुरानी राजनीतिक रणनीति पर अड़े रहे और इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.

अमित मालवीय ने एक्स पोस्ट में कहा,  'अब यह स्पष्ट है - आम कश्मीरी आगे बढ़ चुका है. वे शांति, प्रगति और संघर्ष से परे एक जीवन चाहते हैं. लेकिन राजनेता पुरानी, ​​कठोर राजनीति में फंसे हुए हैं, खुद को नया रूप नहीं दे पा रहे हैं. उन्हें दीवार पर लिखी इबारत पढ़नी होगी. अब बदलाव का नेतृत्व करने का समय है, उसका विरोध करने का नहीं. कट्टरपंथी सोच की लड़ाई हार रहे हैं. युवाओं द्वारा संचालित नया कश्मीर जीत रहा है.

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