- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान IAF ने जिस एयर बेस को निशाना बनाया था, उसके ध्वस्त हैंगर के मलबे को साफ कर दिया गया है.
- एक नई हाई रिजॉल्यूशन सैटेलाइट इमेज में स्पष्ट दिख रहा है कि शुकूर एयरबेस के हैंगर की जमीन को समतल किया गया है.
- वहीं नूर खान एयरबेस की स्ट्राइक वाली जगह के पास की इमारतें पूरी तरह ढह गई थीं, जहां अब नई इमारत बनाई गई है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने 10 मई को पाकिस्तान के शुकूर स्थित जिस एयर बेस को निशाना बनाया था, उसके ध्वस्त हैंगर के मलबे को साफ कर दिया गया है. एक नई हाई रिजॉल्यूशन सैटेलाइट इमेज में इसका पता चला है. 10 मई की अल सुबह दो बजे से पांच बजे के बीच भारतीय वायुसेना ने इस एयर बेस पर जबरदस्त स्ट्राइक किया था. इस स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान सीजफायर के लिए तैयार हो गया था और दोनों देशों के बीच इसके बाद ही तनाव कम होना शुरू हुआ था.
मैक्सर (अब वैंटर) से मिली शुकूर की सैटेलाइट तस्वीर में साफ दिख रहा है कि UAV हैंगर पूरी तरह नष्ट हो गया है और उसके आसपाल पेड़-पौधों में भी आग लगने के सबूत मिले थे. इस रिपोर्ट में मिली तस्वीर में यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है कि हैंगर की जमीन को समतल किया गया है और उस जमीन पर फिलहाल कुछ भी नहीं बनाया गया है. जिस हैंगर पर हमला हुआ था, उसके ठीक बगल में एक और हैंगर है, लगता है कि उसे छुआ तक नहीं गया.
शुकूर हैंगर पर मई 2025 को भारत के हमले से तगड़ा नुकसान हुआ था. तब कि मिली तस्वीरों में हैंगर का छत अंदर की ओर धंस गया था और वहां और भी नुकसान हुए थे, NDTV इस तस्वीर की पुष्टि करता है. सैटेलाइट से मिली नई तस्वीरों में अब हैंगर वहां नहीं है, यानी उसे गिरा कर उसके मलबे को भी वहां से हटा दिया गया है. हैंगर के मलबे को हटाए जाने की शुरुआत अक्टूबर 2025 में हुई थी.
भारतीय वायु सेना ने 10 मई को शुकूर में जिस जगह हमला किया था, उसे अब समतल कर दिया गया है. यह अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स (UAVs) के लिए हैंगर था.
डेमियन साइमन के मुताबिक, ‘मलबे को हटाने में काफी समय लगा है तो ये सुरक्षा मानकों की वजह से हो सकता है, क्योंकि मलबे की नीचे खतरनाक चीजें रही होंगी और मलबा हटाए जाने से पहले इन्हें हटाए जाने की जरूरी शर्त रही होगी.
साइमन जाने-माने जियो-इंटेलिजेंस रिसर्चर और द इंटेल लैब में OSNIT एक्सपर्ट हैं और जो 2025 में हुए भारत-पाकिस्तान झड़प की तरह वाले इलाकों में गलत जानकारी को गलत साबित करने और मिलिट्री डेवलपमेंट को वेरिफाई करने के लिए सैटेलाइट इमेज के एनालिसिस करने के लिए जाने जाते हैं.
इस रिपोर्ट में दिखाई गए पहली तस्वीर के सीक्वेंस की तस्वीर पाकिस्तान एयर फोर्स के चकलाला के नूर खान बेस पर एक ‘कमांड ऐंड कंट्रोल' सेंटर का है जहां पर भारतीय वायु सेना ने 10 मई की सुबह 2 से 5 बजे के बीच हमला किया था. इस पर एक नया स्ट्रक्चर और दो ट्रैक्टर ट्रेलर भी दिख रहे हैं जिसे स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसयूवी) माना जा रहा है, और ये IAF के हमले के वक्त नष्ट कर दिए गए थे.
10 मई को IAF ने शुकूर हैंगर पर सटीक निशाना लगाने वाली खास मिसाइल से हमला किया था. इसमें हैंगर की छत ढह गई, ढांचा बुरी तरह टूट गया और आसपास की घास-झाड़ियां तक जल गईं. अब उस हैंगर की जगह को पूरी तरह साफ और समतल कर दिया गया है.
पाकिस्तान का नूर खान बेस, रावलपिंडी के चकलाला में है. ये देश की सत्ता के केंद्र इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है. तब प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा था कि, "मुझे शनिवार (10 मई) की अल सुबह 2.30 बजे आर्मी चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर का, (खास तौर पर ऐसी सूचनाओं के लिए रखे गए) फोन पर कॉल आया था." मुनीर ने, "मुझे बताया कि भारत ने अभी बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, और उनमें से एक नूर खान एयरपोर्ट पर गिरी, तो बाकी अन्य इलाकों में गिरीं."
डेमियन साइमन के मुताबिक, मई 2025 के संघर्ष के दौरान भारत की नूर खान एयरबेस पर की गई स्ट्राइक का निशाना तो एयरपोर्ट पर मौजूद खास सैन्य वाहन थे, लेकिन इसके साथ ही आसपास के ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ. स्ट्राइक वाली जगह के पास की इमारतें पूरी तरह ढह गई थीं, जहां अब नई इमारत बनाई गई है.
दिलचस्प बात ये है कि यह नई इमारत भले ही पुराने ढांचे की ही नींव पर बनी हो पर डिजाइन पहले वाली इमारतों से बिल्कुल अलग है.
ये स्ट्रक्चर करीब 20×25 मीटर का है और ऐसा लगता है कि यह दो अलग-अलग लेकिन जुड़े हुए हिस्सों से बना है.
हालांकि भारत ने इन हमलों में बैलिस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल की कभी पुष्टि नहीं की है, पर ये माना जाता है कि भारतीय वायु सेना ने कई पाकिस्तानी एयरबेस पर और बड़े हमले करने के लिए हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिसमें राफेल फाइटर्स से SCALP मिसाइलें, मिग-29 और सुखोई-30 जैसे जेट्स से रैम्पेज मिसाइलें, और सुखोई-30 से ब्रह्मोस मिसाइलें शामिल हैं.
रावलपिंडी में नूर खान एयरबेस की उस जगह पर दो नए स्ट्रक्चर दिखे हैं, जहां IAF ने 10 मई को हमला किया था. माना जाता है कि यहां कमांड-इन-कंट्रोल फैसिलिटी थी.
भारत की तरफ से मिसाइलों के हमले तब बढ़े जब पाकिस्तान ने 8 मई को ड्रोन और मिसाइल दागने की गतिविधि को अचानक बढ़ा दिया. 8 मई की रात से 9 मई की सुबह के दरम्यान भारत ने 36 जगहों पर ड्रोन का मूवमेंट देखा. पाकिस्तानी सेना ने भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुंचाने, रडार और धरती से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम को निशाना बनाने की कोशिश में 400 तक ड्रोन हवा में देखे गए.
पाकिस्तानी हमले में सीमित संख्या में CM-400 क्रूज मिसाइलें भी दागी गईं- जिसे आदमपुर में तैनात रूस में निर्मित भारत के S-400 धरती से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट को निशाना बनाने के लिए किया गया था. तब सीमा पर भारी गोलाबारी भी हुई थी.
8 मई की रात से लेकर 9 मई की सुबह जब पाकिस्तान की आक्रामक गतिविधियां बढ़ीं तब भारत ने भी "हमला और बढ़ने की स्थिति में ऑपरेशन के क्षेत्र को आकार देने" के तौर पर जवाबी कार्रवाई की. जिसका नतीजा था हथियार वाले ड्रोन के इस्तेमाल से पाकिस्तानी एयर साइट्स को निशाना बनाना. तब कम से कम ऐसी एक साइट को नेस्तनाबूद किया गया.
9 मई की रात को दोनों तरफ से हमले की तीव्रता और बढ़ा दी गई. पाकिस्तान ने उधमपुर, पठानकोट और भुज जैसे भारतीय वायुसेना के बड़े एयरबेस पर कई स्टैंडऑफ हमले किए पर कहीं बड़े स्तर पर नुकसान नहीं हुआ.
उसी रात (9 मई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का फोन आया, जिन्होंने उनसे कहा कि अमेरिकी खुफिया विभाग को पता चला है कि पाकिस्तान एक बड़े सैन्य हमले की योजना बना रहा है.
संसद में दिए एक बयान में, पीएम मोदी ने बाद में बताया कि उन्होंने अमेरिकी उप-राष्ट्रपति से क्या कहा था. उन्होंने कहा था, "अगर पाकिस्तान ऐसा हमला करने की सोच रहा है तो उसे बहुत भारी कीमत चुकानी होगी."
पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर 25 अप्रैल 2025 से 20 नवंबर 2025 तक की गतिविधियों को इस तस्वीर में दिखाया गया है. पहली तस्वीर में दो स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) दिख रहे हैं, जिन्हें 10 मई को भारतीय वायुसेना ने नष्ट कर दिया था. बाद की तस्वीरों में इस एयर बेस से मलबे को साफ कर दिया गया है और सैटेलाइट तस्वीरों में अब दो नए स्ट्रक्चर दिखाई दे रहे हैं.
भारत ने 10 मई की सुबह-सुबह बहुत अधिक हमले किए, न सिर्फ शुकूर और नूर खान पर हमले किए गए बल्कि रहवाली, रफीक, रहीम यार खान, मुरीद, नयाचोर, सरगोधा, भोलारी और जैकबाबाद पर भी हमला किया. भारतीय वायुसेना (IAF) ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई विमानों को भी एंगेज किया, इसमें पाकिस्तानी वायुसेना का एयरबोर्न अर्ली वार्निंग या इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और उनके लड़ाकू विमान भी शामिल थे.
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही सैन्य लड़ाई का अंत 10 मई को दोपहर 3:35 बजे हुआ, जब पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स, मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीजफायर पर बात करने के लिए फोन किया.
सीजफायर उसी शाम 5 बजे से लागू हुआ, हालांकि असल में इस लड़ाई को समाप्त करने में 24 घंटे से अधिक समय लग गया.
भारत और पाकिस्तान के बीच यह मिनी युद्ध करीब 88 घंटे चली - इसकी शुरुआत तब हुई थी जब भारत ने 7 मई को बहावलपुर और मुरीदके में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के हेडक्वार्टर समेत नौ पाकिस्तानी टेरर कैंप पर हमला किया था. 10 मई को इसके खत्म होने से पहले भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान पर 1971 के युद्ध के बाद अपनी सबसे बड़ी स्ट्राइक की.
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