NDTV-CSDS सर्वे: कर्नाटक चुनाव में किस ओर जाएंगे लिंगायत और वोक्कालिगा? मुस्लिम वोटर्स देंगे किसका साथ?

वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय की आबादी कर्नाटक में ज्यादा है. इसी समुदाय से ज्यादा मुख्यमंत्री बनते हैं. 6 बार वोक्कालिगा से मुख्यमंत्री बन चुके हैं.

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लिंगायत समुदाय के बीच सिद्धारमैया. कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की आबादी करीब 18 फीसदी है.
नई दिल्ली:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) को लेकर राजनीतिक दल जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. कर्नाटक में जाति ही तय करती हैं कि सरकार किसकी बनेगी. यहां की राजनीति पर लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय का वर्चस्व है. लिंगायत करीब 18% और वोकालिंगा 16% है. लिंगायत तटीय इलाकों को छोड़कर राज्यभर में फैले हुए हैं. 120 सीटों पर प्रभाव है, जबकि वोक्कालिगा दक्षिणी कर्नाटक में डॉमिनेटेड हैं. NDTV-CSDS सर्वे के मुताबिक, लिंगायत समुदाय इस बार भी बीजेपी पर भरोसा जता रहा है. सर्वे में शामिल लिंगायत समुदाय के 67 फीसदी लोगों ने बीजेपी के लिए वोट करने की इच्छा जाहिर की. जबकि वोक्कालिगा समुदाय कांग्रेस और जेडीएस के बीच बंटा हुआ है. 

NDTV ने लोकनीति-सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) के साथ मिलकर सर्वे किया. सर्वे में शामिल कुल 34 फीसदी लोगों ने कांग्रेस के लिए वोट करने की इच्छा जताई, जबकि 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनका वोट जेडीएस के लिए जाएगा. वहीं, सर्वे में शामिल कुल 59 फीसदी मुस्लिम लोगों ने कांग्रेस के लिए वोट करने की बात कही है. राज्य में वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय से ज्यादा मुख्यमंत्री बनते हैं. 6 बार वोक्कालिगा से मुख्यमंत्री बन चुके हैं.

NDTV-CSDS सर्वे का यह दूसरा भाग है. पहले भाग के नतीजे 1 मई 2023 को प्रकाशित किए गए थे. NDTV-CSDS ने 20 से 28 अप्रैल के बीच कर्नाटक चुनाव को लेकर सर्वे किया था. वोटिंग 10 मई को है और इसके नतीजे 13 मई को आएंगे. 

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50 फीसदी गरीब वोटर्स कांग्रेस के साथ
अगर बात करें अमीर और गरीब वोटर्स की, तो 50 फीसदी गरीब वोटर्स कांग्रेस के समर्थन में हैं, जबकि 23 फीसदी गरीब वोटर्स बीजेपी के समर्थन में हैं. वहीं, अमीर वोटर्स की पसंद बीजेपी है. 46 फीसदी अमीर वोटर्स ने बीजेपी को अपनी पसंद बताया. जबकि 31 फीसदी अमीर वोटर्स कांग्रेस पर भरोसा करते हैं. 

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कैसे हुआ सर्वे?
सर्वे के लिए कर्नाटक के 21 विधानसभा क्षेत्रों के 82 मतदान केंद्रों में कुल 2143 लोगों से बात की गई. दो मतदान केंद्रों में फील्डवर्क पूरा नहीं हो सका. सर्वे के फील्‍ड वर्क का को-ऑर्डिनेशन वीना देवी ने किया और कर्नाटक में नागेश के एल ने इसका मुआयना किया. विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को 'प्रोबैबलिटी प्रपोर्शनल टू साइज (Probability Proportional to Size)' सैंपल का इस्तेमाल करके रैंडमली तरीके से चुना गया है. इसमें एक यूनिट के चयन की संभावना उसके आकार के समानुपाती होती है. हर निर्वाचन क्षेत्र से 4 मतदान केंद्रों को सिलेक्ट किया गया था. हर मतदान केंद्र से 40 मतदाताओं को रैंडमली सिलेक्ट किया गया था.

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