तजिंदर बग्गा को गिरफ्तारी के दौरान ‘पगड़ी नहीं पहनने देने’ के आरोपों पर अल्पसंख्यक आयोग ने 7 दिनों में मांगी रिपोर्ट

आयोग की ओर से पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 6 मई को जब पुलिस ने बग्गा को गिरफ्तार किया तो ‘उस समय उन्हें पगड़ी नहीं पहनने दी गयी जो एक सिख के धार्मिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.’

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भाजपा नेता तजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने 6 मई को उनके घर से गिरफ्तार किया था.

गुरुग्राम:

 राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) ने पंजाब पुलिस (Punjab Police) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के दौरान भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा (BJP Leader Tajinder Pal Singh Bagga) को ‘पगड़ी नहीं पहनने देने' के आरोपों पर पंजाब सरकार से सात दिनों के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है. आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने शनिवार को कहा कि आयोग ने पंजाब के मुख्य सचिव से "सात दिनों के भीतर" रिपोर्ट मांगी है. 

एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है कि क्या  पंजाब पुलिस द्वारा भाजपा नेता तजिंदर सिंह बग्गा को गिरफ्तार करने के दौरान पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई थी?"

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने शनिवार को उन खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया कि भाजपा के नेता तजिंदर सिंह बग्गा को पंजाब पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के दौरान कथित तौर पर उनकी पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई थी.

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आयोग की ओर से पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 6 मई को जब पुलिस ने बग्गा को गिरफ्तार किया तो ‘उस समय उन्हें पगड़ी नहीं पहनने दी गयी जो एक सिख के धार्मिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.'

उसने कहा कि आयोग ने इस कथित घटना के संदर्भ में आई खबरों का संज्ञान लिया है और ऐसे में उसे सात दिनों के भीतर यानी 14 मई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मुहैया कराई जाए.

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उल्लेखनीय है कि भाजपा की दिल्ली इकाई के नेता बग्गा को पंजाब पुलिस ने 6 मई को उनके घर से गिरफ्तार किया था, जिन्हें पंजाब ले जाते समय हरियाणा में रोक दिया गया और घंटों बाद दिल्ली पुलिस उन्हें वापस राष्ट्रीय राजधानी लाई. इस घटना को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

भाजपा ने पंजाब पुलिस पर अपने नेता का ‘‘अपहरण' करने का आरोप लगाया है. बग्गा, अरविंद केजरीवाल की मुखर आलोचक रहे हैं और उन्होंने आप प्रमुख पर राज्य पुलिस के जरिये बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है.

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आप ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बग्गा को पंजाब में सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं, दिल्ली पुलिस ने बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज किया.

राष्ट्रीय राजधानी में पंजाब पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद, बग्गा शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को दिल्ली में अपने आवास पर वापस पहुंचा दिए गए. इसके बाद, उन्होंने दावा किया कि पंजाब पुलिस ने बड़ी संख्या में उनके घर में घुसकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था "जैसा कि वे एक आतंकवादी के साथ करते हैं."

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इससे पहले अप्रैल में, बग्गा ने दावा किया था कि जब वो लखनऊ में थे, तब भी पंजाब पुलिस के अधिकारी दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना उसे गिरफ्तार करने उनके घर पहुंच गए थे.