हरियाणा : मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद नायब सैनी होंगे नए सीएम, शाम 5 बजे शपथ ग्रहण

54 साल के नायब सैनी अंबाला जिले के नारायणगढ़ विधानसभा के गांव मिर्जापुर के रहने वाले हैं. उन्होंने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है. वह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
हरियाणा के नए सीएम होंगे नायब सिंह सैनी

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. विधायक दल की बैठक में  नायब सैनी (Nayab Singh Saini) के नाम पर मुहर लग चुकी है. वे नए सीएम होंगे. इसके साथ ही 5 नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. शपथ ग्रहण समारोह भी आज शाम 5 बजे होगा. इससे पहले पूर्व मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बयान दिया था कि मनोहर लाल खट्टर ही सीएम बने रहेंगे. वहीं हरियाणा के पूूर्व मंत्री अनिल विज भी आज बीच बैठक से जाते दिखे थे. उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया था.

जानें कौन हैं नायब सैनी

54 साल के नायब सैनी अंबाला जिले के नारायणगढ़ विधानसभा के गांव मिर्जापुर के रहने वाले हैं. उन्होंने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है. वह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. 2014 में पहली बार जिला अंबाला की नारायणगढ़ विधानसभा से विधायक बने थे, जिसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव लड़ा था, जहां अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के प्रत्याशी निर्मल सिंह को 3 लाख 84 हजार 591 वोटो से हराकर विजय हासिल की थी, जिसमें नायब सैनी को 6 लाख 88 हजार 629 वोट मिले थे वहीं निर्मल सिंह को 3 लाख 84 हजार 591 वोट मिले थे.

  •  2019: कुरुक्षेत्र से सांसद
  •  2016: हरियाणा सरकार में मंत्री
  •  2014: नारायणगढ़ से विधायक
  • 2012: BJP अंबाला के ज़िला अध्यक्ष
  • 2009: BJP किसान मोर्चा हरियाणा के महामंत्री
  • 2002: BJP युवा मोर्चा अंबाला के महामंत्री
     

बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूटा, क्या है बीजेपी की रणनीति

वहीं जेजेपी और बीजेपी का गठबंधन भी टूट चुका है. सूत्रों के मुताबिक- बीजेपी दुष्यंत चौटाला को बर्खास्त नहीं करना चाहती थी. इससे गलत राजनीतिक संदेश जाता, इसीलिए पूरी कैबिनेट का इस्तीफा हुआ. एक बार फिर कैबिनेट का गठन होगा. एक-दो पुराने मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. राज्य में विधानसभा चुनाव समय पर ही होंगे, लोकसभा के साथ कराने की कोई बात नहीं है. उपमुख्यमंत्रियों को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं, हो सकता है जातीय समीकरणों को साधने के लिए दो डिप्टी सीएम बना दिए जाएं. 

Advertisement

चौटाला की पार्टी के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में लंबे समय से हैं, लिहाजा उनका समर्थन लिया जा सकता है. बीजेपी चौटाला से रिश्ता तोड़ कर यह साफ संदेश देना चाहती है कि वह हरियाणा में गैर जाट की राजनीति करेगी. राज्य में गैर जाट 80 और जाट 20 प्रतिशत के अनुपात में हैं. दुष्यंत के अलग चुनाव लड़ने से जाट वोटों में सेंध पड़ती है और इससे जाट एक तरफा भूपेंद्र हुड्डा की अगुवाई वाली कांग्रेस को नहीं मिलेंगे. इससे बीजेपी को कुछ सीटों पर फायदा हो सकता है. चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और हिसार से बीजेपी सांसद बृजेंद्र चौधरी के कांग्रेस में जाने को भी बीजेपी की गैर जाट राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है. दुष्यंत लोकसभा की दो सीटें मांग रहे थे लेकिन हरियाणा बीजेपी अकेले ही सभी दस सीटों पर लड़ने के पक्ष में थी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bank Locker Charges News: SBI, ICICI, HDFC और PNB के बैंक लॉकर चार्ज में हुआ बदलाव
Topics mentioned in this article