पंजाब विधानसभा चुनाव प्रचार तेज होने के साथ आम आदमी पार्टी के नेताओं ने वहां डेरा जमा रखा है और सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने अब तय किया है कि वह उनके गृहक्षेत्र दिल्ली में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के निवास के बाहर अतिथि शिक्षकों के साथ धरना दिया. अतिथि शिक्षकों की मांग है कि उन्हें पर्मानेंट किया जाए. बता दें, कुछ दिन पहले अरविंद केजरीवाल मोहाली में अध्यापकों के प्रदर्शन में शामिल हुए थे.
वीडियो में देखा जा सकता है कि नवजोत सिंह सिद्धू प्रदर्शनकारी शिक्षकों के साथ नारेबाजी कर रहे हैं.
उन्होंने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल पर निशाना साधने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है. इसी एजुकेशन मॉडल को पंजाब में आम आदमी पार्टी अपनी प्रमुख उपलब्धि के तौर पर दिखा रही है.
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सिद्धू ने कई ट्वीट करते हुए लिखा है, 'साल 2015 में दिल्ली में शिक्षकों की वैकेंसी थीं, लेकिन 2021 में 19,907 वैकेंसी हैं. जबकि AAP सरकार गेस्ट लेक्चरर्स के जरिए खाली पदों को भर रही है. 2015 के घोषणापत्र में आपने दिल्ली में 8 लाख नई नौकरियों और 20 नए कॉलेजों का वादा किया था, नौकरियां और कॉलेज कहां हैं? आपने दिल्ली में सिर्फ 440 नौकरियां दी हैं. पिछले पांच साल में दिल्ली की बेरोजगारी दर लगभग 5 गुना बढ़ गई है.'
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साथ ही उन्होंने लिखा है, AAP ने संविदा शिक्षकों को स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन के साथ बहाल करने का वादा किया था. लेकिन लेकिन अतिथि शिक्षकों के जरिए स्थिति को और खराब कर दिया गया. स्कूल प्रबंधन समितियों के माध्यम से, तथाकथित AAP वॉलियंटर्स सरकारी फंड से सालाना 5 लाख कमाते हैं. दिल्ली एजुकेशन मॉडल कॉन्ट्रेक्ट मॉडल है. दिल्ली सरकार के अंतर्गत 1031 स्कूल हैं जबकि केवल 196 स्कूलों में प्रधानाध्यापक हैं. 45% शिक्षक पद खाली हैं और 22,000 अतिथि शिक्षकों द्वारा दैनिक वेतन पर स्कूल चलाए जा रहे हैं, हर 15 दिनों में उनका कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू होता है.'
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