भारतीय नौसेना का कमांडर सम्मेलन आज, तीनों सशस्त्र सेवाओं के बीच तालमेल पर जोर

नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र की मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के मद्देनजर सम्मेलन का अपना महत्व और प्रासंगिकता है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
कॉन्फ्रेंस में सुरक्षा से जुड़े सैन्य ओर रणनीति स्तर पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी. 

अरब सागर में आज आईएनएस विक्रांत पर भारतीय नौसेना के द्विवार्षिक कमांडर सम्मेलन में भारत की नौसैनिक शक्ति में इजाफा करने और तीनों सशस्त्र बलों के बीच तालमेल बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस विक्रांत पर नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे. इससे पहले पर पीएम मोदी ने पिछले साल सितंबर में 40 हजार टन वजन वाले इस पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया था. लगभग 23 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आईएनएस विक्रांत एक परिष्कृत वायु रक्षा प्रणाली और जहाज रोधी मिसाइल प्रणाली से लैस है. यह पोत 30 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर को ढोने में सक्षम है.

नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र की मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के मद्देनजर सम्मेलन का अपना महत्व और प्रासंगिकता होगी. अधिकारी के मुताबिक, यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों के लिए सैन्य एवं रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के साथ-साथ एक संस्थागत ढांचे के तहत वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से बातचीत करने के एक मंच के रूप में काम करेगा. नौसेना ने कहा, “इस साल के सम्मेलन की खासियत यह है कि कमांडर सम्मेलन का पहला चरण समुद्र में और पहली बार भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित किया जा रहा है.”

इसमें रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे, ताकि सामान्य परिचालन वातावरण में तीनों सशस्त्र सेवाओं के बीच तालमेल के मुद्दे को संबोधित किया जा सके. नौसेना ने एक बयान में कहा, “नौसेना अध्यक्ष अन्य नौसेना कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों में भारतीय नौसेना द्वारा की गई प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण एवं प्रशासनिक गतिविधियों का जायजा लेंगे. साथ ही महत्वपूर्ण गतिविधियों एवं पहलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे.”

Advertisement

पांच दिनों तक चलने वाले इस कॉन्फ्रेंस में पहले दिन भारतीय नेवी के टॉप कमांडरों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सबोधित करेंगे. इस कॉन्फ्रेंस में सुरक्षा से जुड़े सैन्य ओर रणनीति स्तर पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी. कॉन्फ्रेंस में पिछले छह महीनों के दौरान किये गये ऑपरेशन, लॉजिस्टिक, ट्रेनिंग, मानव संसाधन और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होगी. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भी खास चर्चा होने की उम्मीद है. बीच समुद्र में शायद ही पहले नेवी का कॉन्फ्रेंस हुआ हो. रक्षा मंत्री को नौसेना ऑपरेशनल तैयारियों का डेमो भी देगी. आईएनएस विक्रांत पर पहली बार रक्षा मंत्री नेवी के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे.

Advertisement

ये भी पढ़ें : "CM योगी ने कहा था हम मिट्टी में मिला देंगे": प्रयागराज एनकाउंटर पर BJP नेता ने दिया बयान

Advertisement

ये भी पढ़ें : VIDEO : लड़की ने शशि थरूर से पूछा समझदार और करिश्माई होने का राज, मिला ये दिलचस्प जवाब

Advertisement
Featured Video Of The Day
Champions Trophy: India vs Pakistan- भारत-पाक मैच को लेकर उत्साह में दिल्ली के फैंस, सुनिए क्या कहा?
Topics mentioned in this article