'देर आए, दुरुस्त आए...', जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के ऐलान पर बोले उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को काफी समय से चुनाव का इंतजार था. देर से ही सही आखिरकार ये हो रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

निर्वाचन आयोग (ईसी) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा की. यहां 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन चरणों में चुनाव होंगे, वहीं मतगणना चार अक्टूबर को होगी. चुनाव के ऐलान के बाद जम्मू-कश्मीर की प्रमुख पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शुरुआती टिप्पणी में कहा कि 'देर आए, दुरुस्त आए.'

उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोगों को काफी समय से इसका इंतजार था. 2018 के बाद से यहां कोई लोकतांत्रिक सरकार नहीं बनी. देर से ही सही आखिरकार ये हो रहा है. चुनाव तीन चरण में हैं, 1987 के बाद प्रदेश में पहली बार इतने कम चरण में चुनाव होंगे."

वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर बड़े पैमाने पर किए गए तबादलों की गहन जांच करने और ऐसे आदेशों के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है. एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का संदेह है.

अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘बड़े पैमाने पर किए गए इस फेरबदल के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन को स्वतंत्रता दिवस पर अधिकारियों को सचिवालय और पुलिस मुख्यालय में काम करने के लिए बुलाना पड़ा, क्या कोई इस बात को मान सकता है कि उन्हें बिल्कुल भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि निर्वाचन आयोग आज चुनाव की तारीखों की घोषणा करने वाला है.''

पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके उमर ने कहा, ‘‘ये और भी अधिक महत्वपूर्ण है कि भारत निर्वाचन आयोग को इस तबादला आदेश को स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के नजरिए से देखना चाहिए. एनसी को उपराज्यपाल कार्यालय पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का संदेह है.''

नेकां के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा कि ये कदम चुनावी प्रक्रिया की शुचिता को स्पष्ट तौर से कमजोर करने के इरादे से उठाया गया है.

Advertisement

सागर ने एक बयान में कहा, ‘‘कल शाम से लेकर आज सुबह तक पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर बड़े पैमाने पर फेरबदल क्यों किया गया, ऐसा लगता है कि निर्वाचन आयोग की घोषणा से पहले ही ऐसा किया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि यह सब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल की ओर से अपनी पार्टी और सहयोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है.''

उन्होंने कहा, ‘‘उपराज्यपाल प्रशासन ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों से समझौता करते हुए योजनाबद्ध तरीके से पूरे प्रशासनिक तंत्र को हिलाकर रख दिया.''

Advertisement
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भारत निर्वाचन आयोग से इस कदम की गहन जांच करने और इन आदेशों के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस में शुक्रवार को बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया, जिसके तहत कई वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया गया, साथ ही खुफिया शाखा का नया प्रमुख भी नियुक्त किया गया.
 

Featured Video Of The Day
US Elections 2024: अमेरिकी जनता के लिए कौन से मुद्दे हैं अहम? | Kamala Harris | Donald Trump