बीजेपी (BJP) के आला सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) की गिरफ्तारी अलोकतांत्रिक है. उन्होंने मुख्यमंत्री के बारे में जो कहा उससे पार्टी सहमत नहीं है, लेकिन उन पर गलत कार्रवाई की गई. उन्होंने लाफे (थप्पड़) की केवल बात कही लेकिन शिवसेना की राजनीति तो थप्पड़ की ही हो रही है. विरोधियों के खिलाफ शिवसेना ने हिंसा का इस्तेमाल किया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट करके कहा है कि, ''महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जी की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है. इस तरह की कार्रवाई से न तो हम डरेंगे, न दबेंगे. भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान हैं. हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेगी.'' गौरतलब है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) के खिलाफ 'थप्पड़ संबंधी टिप्पणी' को लेकर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की नारायण राणे की विवादित टिप्पणी से बीजेपी ने दूरी बना ली, लेकिन साथ ही केंद्रीय मंत्री राणे का समर्थन किया. जबकि पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने राणे की गिरफ्तारी को "संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन" कहा, राज्य के विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने "तालिबान जैसे शासन" की बात कही.
फडणवीस ने कहा कि बीजेपी राणे की टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती है, लेकिन "पार्टी उनके साथ 100 प्रतिशत खड़ी है." उन्होंने आरोप लगाते हुए कही कि राज्य पुलिस बल को "प्रतिशोध की राजनीति" के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून और व्यवस्था होनी चाहिए न कि "तालिबान जैसा शासन."
नारायण राणे की गिरफ्तारी के मामले पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि नारायण राणे का मामला गंभीर है. कुछ शब्द नारायण राणे ने प्रयोग किए होंगे उससे बचा जा सकता है. महाराष्ट्र में 42 में से 27 ऐसे मंत्री हैं जिन पर केस हैं. अनिल देशमुख पर 100 करोड़ वसूली का आरोप है, क्या वे जेल में हैं. अनिल परख को पुलिस पूछती भी नहीं है. आज महाराष्ट्र में लोकतंत्र शर्मसार हुआ है. सर्जिल इमाम के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई. संजय राउत ने महिलाओं के खिलाए कई बयान दिए लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जी की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है। इस तरह की कार्यवाही से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 24, 2021
भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान है।
हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी।
केंद्रीय मंत्री श्री नारायणराव राणे यांच्यावरील कारवाई ही सूडबुद्धीने केलेली आहे.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) August 24, 2021
पोलिस यंत्रणेचा दुरूपयोग करीत होत असलेल्या या दडपशाहीचा मी तीव्र निषेध करतो.
शर्जिल उस्मानी मोकाट आणि
नारायण राणे यांना अटक!
हे आहे नवे हिंदूत्त्व आणि
असा आहे नवा महाराष्ट्र !!!#NarayanRane
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, ''केंद्रीय मंत्री श्री नारायणराव राणे के खिलाफ की गई कार्रवाई बदले की भावना से की गई है. मैं पुलिस के इस दमनकारी कदम की कड़ी निंदा करता हूं. शरजील उस्मानी को छूट और नारायण राणे गिरफ्तार! ये है नया हिंदुत्व और ऐसा है नया महाराष्ट्र!''
नारायण राणे ने जुलाई माह में ही नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री के रूप में पद संभाला है. पुलिस की टीम मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए संगमेश्वर गई थी. राणे 20 साल में ऐसे पहले केंद्रीय मंत्री है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है. राणे की गिरफ्तारी की आशंका उस समय बढ़ गई थी जब गिरफ्तारी से संरक्षण संबंधी उनकी ओर से दाखिल की गई याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था.
नाराायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज FIR को चुनौती देते हुए मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से दाखिल राणे की याचिका में प्राथमिकी रद्द करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है. न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में मंगलवार को ही तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी. हालांकि, पीठ ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि (याचिका का) उल्लेख करने की अनुमति नहीं है. पीठ ने कहा था कि वकील को प्रक्रिया का पालन करना होगा.