NAN घोटाला मामला : पूर्व AG सतीश चंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 28 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

NAN scam case : राज्य सरकार ने वर्मा को अंतरिम राहत दिए जाने का विरोध किया. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि पूर्व एडवोकेट जनरल ने NAN घोटाले के आरोपियों को बचाने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया.

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नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ नान घोटाला केस में पूर्व एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. FIR को लेकर अब  कठोर कार्रवाई नहीं होगी. जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच मे पूर्व AG वर्मा के लिए पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्हें केवल इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि राज्य मे सत्ता में बदलाव हुआ है और जो आरोप है उनके आधार पर कोई भी अपराध नहीं बनता है.

वहीं, राज्य सरकार ने वर्मा को अंतरिम राहत दिए जाने का विरोध किया. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि पूर्व एडवोकेट जनरल ने NAN घोटाले के आरोपियों को बचाने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया. हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने भी सहमति जताई कि वर्मा के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी किया है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट 28 फरवरी को मामले पर अगली सुनवाई करेगा.

क्या है पूरा मामला? 
दरअसल, छत्तीसगढ़ के पूर्व एडवोकेट जनरस सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ नान घोटाला केस में FIR दर्ज की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने साल 2015 में AG रहते हुए नान घोटाला के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को जमानत दिलाने में मदद की. हालाकि, उन्होंने नान घोटाले से जुड़े FIR में गिरफ्तारी से बचने के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. 

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