महाराष्‍ट्र : नागपुर के GMC के डॉक्‍टरों ने कोविड-19 मरीजों के पक्ष में उठाई आवाज

इन डॉक्टर्स ने कहा मेडिकल और मेओ, दोनों गवर्नमेंट हॉस्पिटल हैं और दोनों पर बड़ी जिम्मेदारी है. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में 820 बेड ऑपरेट कर रहे रेसीडेंसी डॉक्टर दिन-रात काम कर रहे हैं.'

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्‍मक फोटो

कोविड-19 मरीजों के लिए नागपुर के मेडिकल गवर्नमेंट हॉस्पिटल (GMC) के डॉक्टर्स ने आवाज उठाई है. नागपुर में पहली बार कोविड पेशेंट के लिए डॉक्टरों ने आंदोलन किया है. मेडिकल के डॉक्टरों ने कहा, 'हमारी कोई मांग नहीं है. हम पैसे या हॉस्टल की सफाई जैसे मुद्दे के लिए आंदोलन नहीं कर रहे है. नागपुर में कोरोना की गंभीर स्थिति निर्मित हुई है. पिछले एक माह से कोरोना मामलों की दूसरी लहर आई है. जिला प्रशासन की तरफ से तैयारी कम पड़ रही है और पेशेंट बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं. इसी कारण डेथ रेट लगातार बढ़ती जा रही है.इन डॉक्‍टरों की ओर से कहा गया है, 'हम पेशेंट के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं हमारे पास आंदोलन के सिवा कुछ नहीं बचा.'

महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली सहित 10 राज्‍यों में डबल म्‍यूटेंट मिला, कोरोना केसों में इजाफे में इसकी है भूमिका : सूत्र

इन डॉक्टर्स ने कहा मेडिकल और मेओ, दोनों गवर्नमेंट हॉस्पिटल हैं और दोनों पर बड़ी जिम्मेदारी है. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में 820 बेड ऑपरेट कर रहे रेसीडेंसी डॉक्टर दिन-रात काम कर रहे हैं.' हॉस्पिटल के डॉ. सजल बंसल ने कहा, आज मेडिकल कैजुअल्टी के दरवाजे बंद करने पड़े, पेशेंट बढ़ रहे हैं. सवाल यह है कि जिला प्रशासन के पास मेडिकल और मेओ को छोड़कर क्या विकल्‍प है. विकल्‍प नहीं है. बेड की कमी के कारण एक बेड पर दो-तीन लोगों को ऑक्सीजन देना पड़ रहा है. प्रशासन चाहता है कि आम लोगों और पेशेंट को ऑक्सीजन मिले तो प्रशासन को जल्द से जल्द कोई कदम लेना होगा.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Srinagar Grenade Attack: श्रीनगर में रविवार बाजार के पास ग्रेनेड ब्‍लास्‍ट, 12 लोग घायल | BREAKING
Topics mentioned in this article