Myths and Facts on Agnipath Scheme: केंद्र सरकार की ओर से सशस्त्र बलों के लिए लांच की गई 'अग्निपथ' योजना (Agneepath Scheme) को लेकर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. अग्निपथ' योजना के तहत भारतीय युवाओं को, बतौर ‘अग्निवीर' आर्म्ड फोर्सेस में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा. यह योजना देश की सुरक्षा को मजबूत करने एवं हमारे युवाओं को मिलिट्री सर्विस का अवसर देने के लिए लाई गई है. योजना के बारे में पूरी जानकारी हासिल किए गए बिना ही कई स्थानों पर इसका विरोध किया जा रहा है. बिहार के कई जिलों में अग्निपथ योजना के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन हुए. युवाओं ने सरकार पर उन्हें मूर्ख बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कई जगह रेल रोकीं तो कई जगहों पर सड़क जाम कर विरोध जताया. इस विरोध के बीच सरकारी सूत्रों ने, अग्निपथ योजना को लेकर मिथक और वस्तुस्थिति स्पष्ट की है
जानते हैं अग्निपथ योजना को लेकर मिथक और हकीकत...
भ्रम- अग्निवीरों का भविष्य असुरक्षित है?
तथ्य- जो उद्यमी बनना चाहते हैं उनके लिए वित्तीय पैकेज और बैंक से कर्ज की योजना है. जो आगे पढ़ना चाहते हैं उन्हें 12 कक्षा के बराबर सर्टिफिकेट दिया जाएगा और आगे की पढ़ाई के लिए ब्रिजिंग कोर्स होगा. जो नौकरी करना चाहते हैं उन्हें सीएपीएफ यानी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा राज्य पुलिस में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। अन्य क्षेत्रों में भी उनके नौकरियों के कई अवसर खोले जा रहे हैं.
भ्रम- अग्निपथ के कारण युवाओं के लिए अवसर कम हो जाएंगे?
तथ्य- इसके उलट युवाओं के लिए सेना में नौकरी के अवसरों में वृद्धि होगी. आने वाले वर्षों में, सेना में अग्निवीरों की भर्ती मौजूदा स्तर के तीन गुना हो जाएगी.
भ्रम- रेजीमेंट भाईचारे पर असर पड़ेगा?
तथ्य- रेजीमेंट व्यवस्था में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा रहा है बल्कि, यह और मजबूत होगा क्योंकि सबसे उत्कृष्ट अग्निवीरों का चयन होगा और इससे यूनिट के अंदरूनी तालमेल को और मजबूती मिलेगी.
भ्रम- इससे सेना के तीनों अंगों की क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा?
तथ्य- अधिकांश देशों में इस तरह की संक्षिप्त सेवाओं की व्यवस्था है यानी इसका पहले ही परीक्षण हो चुका है और युवा तथा तेजतर्रार सेना के लिए सबसे अच्छी व्यवस्था मानी जाती है. पहले वर्ष भर्ती अग्निवीरों की संख्या आर्म्ड फोर्सेज़ की केवल 3 प्रतिशत होगी. इसके अलावा, चार साल बाद सेना में दोबारा भर्ती से पहले अग्निवीरों के प्रदर्शन की जांच की जाएगी. इस तरह, सेना को सुपरवाइजरी रैंक के लिए जांचे और परखे लोग मिलेंगे.
भ्रम- सेना के लिए 21 वर्ष के युवा अपरिपक्व और भरोसमंद नहीं हैं?
तथ्य- दुनिया भर में सेनाएं युवाओं पर निर्भर हैं. किसी भी समय अनुभवी लोगों की संख्या में युवा अधिक नहीं होंगे. मौजूदा योजना दीर्घ काल में युवाओं तथा अनुभवियों के 50-50 प्रतिशत का मिश्रण लाएगी.
भ्रम- अग्निवीर समाज के लिए खतरा होंगे और आतंकवादियों से मिल जाएंगे?
तथ्य- यह भारतीय सेना के मूल्यों तथा आदर्शों का अपमान है. चार साल वर्दी पहनने वाले युवा जिंदगी भर देश के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे. आज भी सेना से रिटायर हुए हजारों लोग हैं जिनके पास तमाम कुशलताएं हैं लेकिन वे देशविरोधी ताकतों से नहीं जुड़े.
भ्रम- पूर्व सैन्य अधिकारियों से चर्चा नहीं हुई?
तथ्य- पिछले दो वर्षों से पूर्व सैन्य अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की गई. यह प्रस्ताव मिलिट्री ऑफिसर विभाग में मिलिट्री ऑफिसरों द्वारा तैयार किया गया यह विभाग सरकार ने ही गठित किया है. कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इस योजना को स्वीकार किया है तथा सराहा है.
* 'मेरी यात्रा कोई राजनीति नहीं, भगवान राम का आशीर्वाद लेने आया हूं': अयोध्या में आदित्य ठाकरे
* "पुलिस हमारे सांसदों-कार्यकर्ताओं के साथ ऐसे व्यवहार कर रही जैसे हम आतंकी हों : अधीर रंजन
* Presidential Polls: ममता बनर्जी ने बैठक में शरद पवार के अलावा सुझाए इन दो नेताओं के नाम
अग्निपथ योजना पर बवाल, सहरसा में छात्रों ने रोकी ट्रेन तो नवादा में टायर जलाकर जताया विरोध