एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज कहा कि मध्य प्रदेश के इंदौर में एक गरबा पंडाल से गिरफ्तार किए गए पांच मुस्लिम लोगों ने कोई अपराध नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पुरुषों ने आयोजकों और पुलिस के साथ बहस की थी. एनडीटीवी से बात करते हुए, इंदौर जोन -4 के पुलिस उपायुक्त आरके सिंह ने कहा, "बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ किसी भी शिकायत की कोई रिपोर्ट नहीं है, और गरबा पंडालों में उपस्थित लोगों के पहचान पत्र की जांच के लिए कोई आधिकारिक आदेश पारित नहीं किया गया है. सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं अक्सर वार्षिक कार्यक्रम के दौरान होते हैं. धर्म की परवाह किए बिना कार्रवाई करना हमारा कर्तव्य है. "
वहीं एनडीटीवी से बात करते हुए,19 वर्षीय कैफ ने कहा कि वे बस सड़क पर रुक गए थे. क्योंकि उनकी मोटरसाइकिल का ईंधन खत्म हो गया था. हमें पीटा गया, गरबा कार्यक्रम में प्रवेश करने की कोशिश भी नहीं की. उन्होंने कहा, "हमारा एक दोस्त अभी भी जेल में है. हमने बजरंग दल के खिलाफ भी शिकायत की, कोई कार्रवाई नहीं हुई."
इंदौर के एक अन्य निवासी अब्दुल ने कहा कि पंडाल के आसपास लोगों की आईडी चेक की जा रही थी, जो मुख्य सड़क पर थे. लोग वहां जाना बंद नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि इस साल पहचान पत्रों की जांच की जा रही है और पहले कभी नहीं हुआ.
गरबा कार्यक्रम के आयोजकों ने एनडीटीवी को बताया कि बजरंग दल के सदस्य मुसलमानों को परेशान करते हैं और उन्हें पुलिस के हवाले कर देते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, गरबा पंडाल हमेशा सभी के लिए खुले हैं.
मुस्लिम युवकों को बजरंग दल की कार्रवाइयों के बाद बिना किसी महत्वपूर्ण अपराध के गिरफ्तार करने को लेकर शासन-प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं.
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