उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में बारिश ने आफत मचाई हुई है. इन राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह से ठप हो गया है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और बिहार में बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं और सड़के जलमग्न हो गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इन चार राज्यों में भारी बारिश का अनुमान जताते हुए अलर्ट भी जारी किया है. वहीं दिल्ली में आज बारिश की संभावना जताई है. दिल्ली के लिए 13 जुलाई और 14 जुलाई का अलर्ट भी जारी किया है.
बारिश से बेहाल हुई मुंबई
मुंबई में लगातार हो रही बारिश यहां के लोगों के लिए आफत बन गई है. बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया है और यातायात ठप हो गई है. कल 50 उड़ानों को भी रद्द करना पड़ा था. लगातार हो रही बारिश के कारण कई इलकों में गंभीर जलभराव की स्थिति बनी हुई है. चूना भट्टी रेलवे स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया. इसी तरह से अंधेरी सबवे, कुर्ला, हिंदमाता सर्कल, दादर इलाके भी पानी में डूबे हुए हैं.
मौसम विभाग ने मुंबई के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और आज समुद्र में ज्वार यानी हाई टाइड के दौरान 4.31मीटर की लहरे उठने की संभावना जताई गई है.
मुंबई शहर में सोमवार को नौ घंटों में 101.8 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो इस अवधि के दौरान इसके उपनगरों में हुई वर्षा से करीब सात गुना अधिक थी. महाराष्ट्र के कुछ अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश हुई. आईएमडी द्वारा भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर ठाणे जिला परिषद ने आज स्कूलों में छुट्टी घोषित की है.
आईएमडी ने कहा कि मंगलवार को मध्य महाराष्ट्र, जिसमें सतारा और पुणे जिलों के घाट क्षेत्र शामिल हैं, में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है और इन स्थानों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है. दक्षिण कोंकण के लिए भी ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है, जिसमें रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले शामिल हैं. आईएमडी ने मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों के लिए ‘येलो अलर्ट' जारी किया है.
उत्तराखंड में नदियां उफान पर
उत्तराखंड में भी मानसून की भारी बारिश का कहर दिखा रहा है और नदियां उफान पर हैं. कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक हर जगह भारी बारिश से लोग परेशान हो रहे हैं. पिथौरागढ़ जिले में लगातार बारिश हो रही है, जिससे दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. देहरादून में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है. पौड़ी जिले के कोटद्वार में भी भारी जलभराव बारिश के कारण हो गया.
वहीं उधमसिंह नगर के खटीमा में चकरपुर में लगभग 100 लोग भारी बारिश के कारण फंस गए थे. सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ की टीम ने इन लोगों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया.
दूसरी तरफ चंपावत के बनबसा में भी लगातार भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया. यहां से एसडीआरएफ की टीम ने 110 लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू किया.
भारी बारिश की चेतावनी के बाद आर्मी और एसडीआरएफ दोनों ही मोर्चा संभाले हुए है. वहीं, लोगों से सावधानी बरतने की अपील भी की गई है. जोशीमठ के पास विष्णु प्रयाग में अलकनंदा नदी खतरे के निशान पर बह रही है, अलकनंदा विष्णु प्रयाग में धौली गंगा में मिल जाती है. कई स्थानोों पर भूस्खलन भी हुआ है.
बिहार में बाढ़ की स्थिति
बिहार में पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण राज्य में गंडक, कोसी, महानंदा और कमला नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, बगहा, पूर्णिया, सुपौल, दरभंगा, खगड़िया और झंझारपुर में कुछ स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति आ गई है. सोमवार को सुपौल और बसंतपुर इलाकों में कोसी का जलस्तर लाल निशान से ऊपर था.
वहीं 6 दिनों में बिजली करने से 37 लोगों को मौत हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, एक जुलाई से अब तक आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मरने वाले लोगों की संख्या 42 हो गई है. इनमें से 10 लोगों की मौत रविवार को और नौ लोगों की मृत्यु शनिवार को हुई.
मुख्यमंत्री ने अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी तरह से सतर्कता बरतें और खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का पालन करें.
दिल्ली में आज बारिश के आसार
मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली में मंगलवार को हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है. मौसम विभाग के मुताबिक 9 जुलाई से लेकर 12 जुलाई तक बादल छाए रहेंगे तथा मध्यम वर्षा होगी. जबकि 13 जुलाई और 14 जुलाई को भारी बारिश की संभावना है. बता दें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 28 जून को हुई भारी बारिश के कारण रास्तों में काफी जलभराव हो गया था.
दिल्ली में 28 जून को मानसून के पहले दिन 228.1 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो 1936 के बाद से जून महीने में सबसे अधिक बारिश थी. इस बारिश से शहर के कई हिस्से जलमग्न हो गए और कई लोगों की जान चली गई थी. 28 जून की बाशि को देखते हुए जलभराव की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एनडीएमसी ने जल निकासी पंपों की संख्या बढ़ाने, मेनहोल और नालों की सफाई तक कई कदम उठाए हैं.
बता दें आईएमडी रंगों पर आधारित चार स्तर की चेतावनियां जारी करता है - ‘ग्रीन (कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं), ‘येलो' (सतर्क रहें और जानकारी रखें), ‘ऑरेंज'(तैयार रहें) और ‘रेड'(कार्रवाई करें)।
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