Porn Scandal : 'नेटफ्लिक्स, अमेज़न जैसी ही है जब्त सामग्री, तो राज कुंद्रा को जेल क्यों?' कोर्ट में वकील की दलील

राज कुंद्रा के वकील आबाद पोंडा ने पुलिस हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि विचाराधीन सामग्री IT Act 67 के तहत नहीं आती है क्योंकि इसी तरह की सामग्री नेटफ्लिक्स और अमेज़ॅन प्राइम आदि पर उपलब्ध है. इसलिए इसे आईटी अधिनियम 67 के तहत कवर नहीं किया जा सकता है जो गैर जमानती है.

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Porn Scandal में आरोपी राज कुंद्रा की न्यायिक हिरासत 27 जुलाई तक बढ़ा दी गई है.
मुंबई:

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और पोर्न मामले में फंसे व्यवसायी राज कुंद्रा (Raj Kundra) और उनके सहयोगी रेयान ठोरपे की न्यायिक हिरासत 27 जुलाई तक बढ़ा दी गई है. इससे पहले मुंबई पुलिस ने दोनों की हिरासत अवधि सात दिन बढ़ाने की मांग की थी. पुलिस ने अदालत को बताया कि कुंद्रा के पास से लगभग 4 टेराबाइट साइज में वीडियो और इमेजेज जब्त किया है जो एडल्ट कंटेंट हैं.

 केस की सुनवाई के दौरान राज कुंद्रा के वकील आबाद पोंडा ने अदालत में दलील दी है कि  Google, IOS और अन्य ने अपने ऐप प्लेटफॉर्म से हॉटशॉट्स को हटा दिया था, इसलिए आरोपी ने अपने प्लान B को सक्रिय किया और एक और ऐप बॉलीफेम लॉन्च किया था. 

पुलिस ने आरोपी का लैपटॉप भी जब्त किया है, जिसमें 35 हॉटशॉट क्लिप सहित 51 क्लिप थे.  वकील ने कहा कि हम हॉटशॉट्स के लिए बनाए गए रायन के 4 ई-मेल खातों को पुनः प्राप्त करना चाहते हैं. वकील ने कहा कि हमने उनकी कंपनी के ऑडिटर और आईटी डेवलपर का बयान दर्ज किया है और उन्होंने हमें बताया है कि उनके कार्यालय का मासिक खर्च 4 हजार से 10 हजार पाउंड था.

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पुलिस को संदेह है कि पोर्नोग्राफी से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए किया गया है और यही कारण है कि यस बैंक खाते और UBA (United Bank of Africa) खाते के बीच लेनदेन की जांच की जानी है.

आबाद पोंडा ने कोर्ट में कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जहां चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है और CRPC 173 के तहत आगे की जांच की जा रही है. आरोपी के वकील ने कहा कि मुझे जांच के लिए बुलाया जा सकता है और मैं उपलब्ध रहूंगा, इसलिए पुलिस हिरासत की जरूरत नहीं है. 

पोंडा ने कहा कि विचाराधीन सामग्री आईटी अधिनियम 67 के तहत नहीं आती है क्योंकि इसी तरह की सामग्री नेटफ्लिक्स और अमेज़ॅन प्राइम आदि पर उपलब्ध है.  इसलिए इसे आईटी अधिनियम 67 के तहत कवर नहीं किया जा सकता है जो गैर जमानती है. पोंडा ने कहा कि इसे केवल आईपीसी 292 के तहत ही कवर की जा सकती है और आरोपी की आगे की हिरासत की जरूरत नहीं है. कुंद्रा को 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था.

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