26/11 मुंबई हमले के पीड़ितों को अब मिलेगा न्याय... तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर बोले एस जयशंकर

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि 6 अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत के मामले में न्याय दिलाने की मांग भारत और अमेरिका में उठती रही है. मैं बहुत खुश हूं कि वह दिन आ गया.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बयान को लेकर कहा है कि ये पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत 64 साल के पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था.

एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "हम दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग की सराहना करते हैं. यह वास्तव में 26/11 हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है."

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 26/11 आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को न्याय दिलाने के लिए भारत के दृढ़ प्रयासों की सराहना की.

रुबियो ने एक्स पोस्ट में कहा, "हमने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित कर दिया है, ताकि वह मुंबई में खतरनाक तरीके से किए गए 26/11 हमले की प्लानिंग के लिए सजा भुगत सके. 6 अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत के मामले में न्याय दिलाने की मांग भारत और अमेरिका में उठती रही है. मैं बहुत खुश हूं कि वह दिन आ गया."

Photo Credit: PTI

तहव्वुर राणा द्वारा अमेरिका में प्रत्यर्पण से बचने के लिए सभी कानूनी दांवपेच आजमाने के बाद आखिरकार उसे भारत में सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कर दिया गया. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 2008 की हिंसा के पीछे मुख्य साजिशकर्ता को न्याय के दायरे में लाने के लिए सालों के सतत और ठोस प्रयासों के बाद मामले को सफल निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया.

राणा के दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने भी कहा कि वाशिंगटन ने राणा को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में उसकी भूमिका के लिए न्याय का सामना करने के लिए भारत को प्रत्यर्पित किया है.

प्रवक्ता ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका ने इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन किया है, और जैसा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा है, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत आतंकवाद के वैश्विक संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे."

Advertisement

अमेरिकी न्याय विभाग ने भी एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि राणा एक दोषी आतंकवादी है, लेकिन भारत में कई अपराधों के आरोप हैं. अमेरिका ने कहा कि 2008 के मुंबई हमले भारत के इतिहास में सबसे भयानक और विनाशकारी हमलों में से एक थे.

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद गुरुवार को नई दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर पहुंचते ही उसे हिरासत में ले लिया. इसके बाद राणा को पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया गया. एनआईए अब राणा से 2008 के मुंबई हमलों की साजिश के बारे में विस्तार से पूछताछ करेगी, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे.

राणा को लॉस एंजिल्स से एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीमों के साथ एक विशेष विमान से भारत लाया गया था. अमेरिका में राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कई कानूनी कोशिश की, जिसमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन याचिका भी शामिल थी.

Advertisement

सभी याचिकाएं खारिज होने के बाद प्रत्यर्पण संभव हो सका. भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को पूरा किया.

एनआईए ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए सालों तक प्रयास किए. एजेंसी ने अमेरिका की एफबीआई, न्याय विभाग (यूएसडीओजे) और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया. राणा पर आरोप है कि उसने मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी.

Advertisement
मुंबई हमले 26 नवंबर 2008 को हुए थे, जब 10 आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस समेत कई जगहों पर हमला किया था. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. राणा पर लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर हमले की योजना बनाने का आरोप है.

अदालत में पेशी के दौरान एनआईए ने कहा कि राणा से पूछताछ के जरिए हमले से जुड़े अन्य लोगों और साजिश के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जाएगा. जांच एजेंसी का कहना है कि यह प्रत्यर्पण आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में बड़ी कामयाबी है.

Featured Video Of The Day
Murshidabad Violence: West Bengal के बाद Assam के Silchar में भी हिंसा, Waqf Bill पर राजनीति तेज़