MP के टाइगर रिजर्व में नहीं थम रहा हाथियों की मौत का सिलसिला, आंकड़ा 8 तक पहुंचा

अब तक की जांच में हथियों की मौत जहर से होने की बात कही गयी है. STF ने 7 खेतों और 7 घरों की तलाशी ली है.  5 लोगों से पूछताछ की गई है.

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नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (BTR) में हाथियों की मौत का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक और हाथी की मौत के साथ ही संख्या 8 तक पहुंच गयी है. जबकि एक की हालत गंभीर बतायी जा रही है. प्रारंभिक रिपोर्ट में मंगलवार सुबह 4 हाथियों की मौत की खबर सामने आयी थी. बुधवार को एक और हाथी मृत पाया गया. जांच के लिए दिल्ली से NTCA की 3 सदस्यीय टीम बांधवगढ़ पहुंच गयी है. जांच टीम की तरफ से 10 दिनों में रिपोर्ट दिया जाएगा. इस बीच हाथियों की मौत के बाद हाथियों का एक और झुंड वहां पहुंच गया है. झुंड के द्वारा उत्पात मचाने की बात भी सामने आयी है. 

क्या है मौत का कारण? 
अब तक की जांच में हथियों की मौत जहर से होने की बात कही गयी है. STF ने 7 खेतों और 7 घरों की तलाशी ली है.  5 लोगों से पूछताछ की गई है. 5 किमी के दायरे में डॉग स्क्वाड की सहायता से जांच की जा रही है. 100 से अधिक वन और टाइगर रिजर्व के कर्मचारी इस जांच में लगे हुए हैं.  पोस्टमॉर्टम के लिए 8 पशु चिकित्सकों को लगाया गया है. 

हाथियों को दफनाने की प्रक्रिया जारी
हाथियों को दफनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. 300 बोरी नमक मंगवाया गया है.  दो जेसीबी की मदद से दफन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. शवों को सफेद चादरों से ढकने के बाद गड्ढों में दफनाया गया है. अधिकारी यह जाँच कर रहे हैं कि क्या कोदो के बीज या अन्य पौधों के खाने के कारण हाथियों की मौत हुई है. हाथियों के मल, मिट्टी और आस-पास के पौधों से नमूने लिए गए हैं.

इस बीच क्षेत्र में मौजूद 20 हाथियों का झुंड गुस्से में है. क्षेत्र में 3 बाघों की मौजूदगी से बचाव कार्य में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जल स्रोतों, खेतों, फसलों की जाँच की जा रही है.

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