सेलेक्‍ट कमेटी को भेजे जाने वाले प्रस्‍ताव में बिना अनुमति नाम आने पर सांसदों का विरोध, जानिए क्‍या बोले

बीजू जनता दल के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि जब यह प्रस्‍ताव दिया जा रहा था तो मैंने सुना कि मेरा नाम भी इसमें है तो मैंने तुरंत इसका विरोध किया.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
सस्मित पात्रा ने कहा कि सेलेक्‍ट कमेटी में नाम आने को लेकर मैंने शिकायत दी है.
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली सेवा बिल कई घंटों की बहस के बाद राज्‍ससभा ने भी पारित कर दिया. इस विधेयक पर चर्चा और वोटिंग के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने बिल को सेलेक्‍ट कमेटी को भेजने का प्रस्‍ताव दिया, जिसे लेकर उन्‍होंने कई सांसदों के समर्थन की बात कही. हालांकि जिन सांसदों का उस प्रस्‍ताव में नाम था, उनमें से कुछ ने इस बात से इनकार किया कि नाम के लिए उनसे सहमति ली गई है और उन्‍होंने इसे लेकर विरोध जताया. यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर सवाल उठाए. इस पर अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में अपनी राय व्‍यक्‍त की है. 

बीजू जनता दल के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि जब यह प्रस्‍ताव दिया जा रहा था तो मैंने सुना कि मेरा नाम भी इसमें है तो मैंने तुरंत आसन को पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत नियम 72 (2) के जरिए मैंने कहा कि मेरा नाम बिना मेरे संज्ञान के लाया गया है. मुझे नहीं पता कि मेरा नाम कैसे आया है. मैंने इसका विरोध किया. उस वक्‍त गृह मंत्री भी थे. उन्‍होंने भी कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. यह विशेषाधिकार का मामला है और इसका संज्ञान लेना चाहिए. पात्रा ने कहा कि मैंने शिकायत दी है. यह सिर्फ मेरा ही विषय नहीं था और सांसदों और पार्टियों के नाम भी आए हैं. उन्‍होंने भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है. 

इसे लेकर बीआरएस के राज्‍य सभा सांसद केशव राव ने कहा कि नियम के मुताबिक जब हम किसी का नाम शामिल करते हैं तो उनसे सहमति लेते हैं. उन्‍होंने कहा कि जो भी हुआ है वो गलत है. राघव चड्ढा को लेकर उन्‍होंने कहा कि जिन्‍होंने नाम दिया था उन्‍होंने यह जानबूझकर नहीं किया था. यह कोई गंभीर मामला नहीं है. उन्‍होंने कहा, "राघव चड्ढा ने सलेक्‍ट कमेटी में एक का नाम लिया, जो इससे सहमत नहीं थे. राघव चड्ढा ने बिना इजाजत के उनका नाम दिया था." उन्‍होंने कहा कि वह खुद बोल रहे हैं. इसमें जांच क्‍या करनी है. 

Advertisement

उधर, कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि सबसे बड़ी बदकिस्‍मती की बात यह है कि भाजपा के मंत्री राजनीतिक हथकंडों में व्‍यस्‍त रहते हैं. उन्‍होंने एम एन कॉल और एस एल शकधर की किताब प्रैक्टिस एंड प्रोसिजर ऑफ पार्लियामेंट का हवाला देते हुए कहा कि हमारे लिए यह किताब गीता है. उन्‍होंने कहा कि वो न इस किताब को पढ़ते हैं और न ही राज्‍यसभा के नियमों को पढ़ते हैं. उन्‍होंने कहा कि किताब में विस्‍तार से बताया है कि सलेक्‍ट कमेटी में कोई भी सदस्‍य नाम सुझा सकता है. इसमें न अनुमति का कोई प्रावधान है और न हस्‍ताक्षर का प्रावधान है.

Advertisement

गोहिल ने कहा कि हालांकि एक प्रावधान जरूर है कि जब किसी सदस्‍य का नाम आता है तो सदस्‍य को अधिकार है कि वह कह सकता है कि मुझे चुना गया है, लेकिन मैं इस कमेटी में नहीं रहना चाहता हूं तो उस शख्‍स का नाम निकल जाएगा. राज्‍यसभा के कानून में भी यह प्रावधान है. उन्‍होंने कहा कि आज तक की परंपरा में सलेक्‍ट कमेटी में किसी की अनुमति नहीं मांगी गई है और न ही हस्‍ताक्षर दिया गया है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :

* लोकसभा में आज से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर होगी चर्चा, पीएम मोदी 10 अगस्त को देंगे जवाब
* "BJP ने पिछले दरवाजे से बनाया रास्ता" : 'दिल्ली सेवा विधेयक' पास होने पर CM केजरीवाल
* दिल्ली सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया सेवा विधेयक : अमित शाह

Advertisement
Featured Video Of The Day
India Pakistan Tension BREAKING: PCB ने Pakistan Super League के शेष मैच Suspend किए | Cricket