इंदौर लॉ कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर इनामुर्रहमान की गिरफ्तारी पर SC ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इंदौर लॉ कॉलेज (Indore Law College) के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर इनामुर्रहमान को विवादित किताबों के मामले में गिरफ्तारी से फिलहाल राहत दे दी है.

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इंदौर लॉ कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर इनामुर्रहमान को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

इंदौर लॉ कॉलेज (Indore Law College) के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर इनामुर्रहमान को विवादित किताबों के लिखने और कॉलेज की लाइब्रेरी में रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गिरफ्तारी से राहत दी है. शीर्ष अदालत ने तीन सप्ताह के लिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, साथ ही उनकी जमानत (Bail) पर जनवरी महीने में सुनवाई होगी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रोफेसर रहमान के खिलाफ इंदौर के भवर कुआं थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी. प्रोफेसर रहमान पर आरोप है कि उनकी लिखी किताब कलेक्टिव वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम सहित तीन किताबों को राष्ट्र विरोधी बताते हुए आंदोलन चला रखा है.

ये किताबें 2014 में प्रकाशित हुई थीं और इन पुस्तकों को कॉलेज के पुस्तकालय में रखा गया था. हाल ही में छात्रों ने उसे पढ़ा तो इसका बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया. एलएलएम के छात्र ने किताब को सबूत के तौर पर पेश कर इंदौर पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी. एफआइआर में कहा गया है कि किताब में लिखे गए तथ्य झूठे, फर्जी, अतार्किक और अधारहीन हैं. इन फर्जी और राष्ट्र विरोधी तथ्यों से जनता के बीच नफरत फैलने और शांति भंग होने का अंदेशा है.


गृह मंत्री ने दिए थे गिरफ्तारी के आदेश
विरोध प्रदर्शन के उग्र होने के बाद प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया. इस बीच मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी किताब को आरएसएस के खिलाफ जानबूझ कर नफरत फ़ैलाने का औजार बताते हुए किताब के लेखक को गिरफ्तार करने की बात कही थी. इसके बाद रहमान अग्रिम जमानत के लिए पहले इंदौर जिला अदालत गए, वहां अर्जी नामंजूर होने पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अपील की. वहां से राहत न मिलने और निराशा हाथ लगने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

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सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष प्रोफेसर रहमान के वकील एके जोसफ ने शीघ्र सुनवाई के लिए ये मामला मेंशन किया. पीठ ने शुरुआती दलीलें सुनते ही उनको फौरन राहत दे दी, क्योंकि दलीलों में कहा गया कि जिन किताबों को मुद्दा बनाया गया है वो तो प्रोफेसर रहमान के प्रिंसिपल नियुक्त होने से कई साल पहले लिखी और प्रकाशित हुई हैं.

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ये दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि अगर हाईकोर्ट से उनको राहत नहीं दी गई तो हम उनको संरक्षण देंगे. पीठ ने उनको तीन हफ्ते के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए यह भी कहा कि उनकी याचिका पर क्रिसमस की छुट्टियों के बाद यानी जनवरी के अंतिम हफ्ते में सुनवाई होगी. 

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