गणेश विसर्जन पर भोपाल में बवाल, क्या MP में फरियादी ने आपसी रंजिश में रची पथराव की कहानी

पुलिस को की गई शिकायत के मुताबिक बैरसिया रोड की झांकी सोमवार शाम 7:41 बजे निकली, विसर्जन के लिए उसे खटलापुरा घाट पहुंचना थी. आरिफ नगर मस्जिद के आगे अचानक कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था. इसमें गणेश जी की बड़ी प्रतिमा और ट्राले में रखीं छोटी मूर्तियां खंडित हो गईं थीं.

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झूठी एफआईआर अगर इस तरह से जांच में आएगा तो हम कानून सम्मत कार्रवाई करेंगे: एडिश्नल डीसीपी 
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  • भोपाल के आरिफ नगर में गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर पथराव का आरोप लगा था. लेकिन पथराव का सबूत नहीं मिला है.
  • आरोपी अब्दुल हलीम ने एक महीने पहले फरियादी चरण सिंह कुशवाहा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
  • पुलिस जांच में पाया गया कि मुख्य आरोपी अब्दुल हलीम घटना के वक्त अपनी दुकान पर मौजूद था.
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भोपाल:

अनंत चतुर्दशी के अगले दिन भोपाल के आरिफ नगर इलाके में गणेश प्रतिमा के विसर्जन जुलूस पर पथराव के आरोप लगे. जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने कुछ देर के लिए गौतम नगर थाने का घेराव किया. अब इस मामले से जुड़ा एक अहम तथ्य सामने आया है. बताया जा रहा है कि जिनका नाम मौजूदा FIR में आरोपियों में है, उन्होंने करीब एक महीने पहले इसी थाने में मौजूदा फरियादी के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. शिकायत में बताई घटनास्थल की लोकेशन शुरुआती तथ्यों से पूरी तरह मेल नहीं खाती; अब तक खंगाले गए CCTV फुटेज में पथराव दर्ज नहीं मिला. अब फरियादी ही पुलिस की जांच के घेरे में आ गए हैं.

एनडीटीवी ने मामले में फरियादी चरण सिंह कुशवाहा से बात करने की कोशिश की. लेकिन पहले उसने फोन नहीं उठाया बाद में कहा वो कोर्ट में है. वैसे फरियादी और आरोपी अब्दुल हलीम के बीच पहले भी विवाद हो चुका है. फरियादी चरण सिंह के खिलाफ मौजूदा आरोपी अब्दुल हलीम ने 8 अगस्त को एफआईआर करवाई थी. जिसमें आरोप लगाया था कि काम के दौरान कुशवाहा और उसके साथियों ने उनके साथ गाली-गलौज की और वाहन में आग लगाने व जान से मारने की धमकी दी. 

आरोप है कि आपसी रंजिश का बदला लेने के लिए पथराव की कहानी बनाई गई. जिस अब्दुल हलीम को FIR का 'मुख्य आरोपी' बनाया गया. पुलिस ने उसी के CCTV से साबित किया कि घटना के वक्त वह अपनी दुकान पर था. साहिल बच्चा हिस्ट्रीशीटर है, लेकिन उस दिन साहिल अपने पिता और दूसरे आरोपियों के साथ अजहरुद्दीन नाम के शख्स के घर के बाहर हंगामा कर रहा था. इसकी फुटेज सामने आई है. तीसरे आरोपी यासीन के खिलाफ फरियादी ने नामजद रिपोर्ट लिखाई है, लेकिन फरियादी खुद कह रहे हैं कि उन्होंने आरोपियों को घटना स्थल पर नहीं देखा.

क्या है पूरा मामला

पुलिस को की गई शिकायत के मुताबिक बैरसिया रोड की झांकी सोमवार शाम 7:41 बजे निकली, विसर्जन के लिए उसे खटलापुरा घाट पहुंचना थी. आरिफ नगर मस्जिद के आगे अचानक कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था. इसमें गणेश जी की बड़ी प्रतिमा और ट्राले में रखीं छोटी मूर्तियां खंडित हो गईं थीं. इसके बाद झांकी डीआईजी बंगला चौराहा पहुंचा, जहां जुलूस में समिति के पदाधिकारियों ने पथराव में प्रतिमाएं खंडित होने का आरोप लगाते हुए चक्काजाम कर दिया. हालांकि जिन लोगों की पुलिस ने गवाही ली उन्होंने भी मामले से इंकार किया.

गवाह महेश मालवीय ने बताया कि पथराव हुआ ही नहीं, अच्छे मोहल्ले वाले हैं  अधिकारियों ने दिखाया आराम से झांकी निकली है आप देखिये ना हमने देखा हमारी आंखों से .. स्थानीय निवासी सोहैल हाशमी ने कहा कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने बगैर सच जाने एक समुदाय और इलाके को टारगेट किया, हम कमिश्नर साहब से मिलने जा रहे हैं उन लोगों पर कार्रवाई हो जिन्होंने झूठा इल्जाम लगाया. माहौल खराब किया, दंगा फैलाने की कोशिश की हम चाहते हैं.

ऐसे सबूत नहीं मिले कि घटना हुई है

शालिनी दीक्षित, एडिश्नल डीसीपी ने कहा हम लोगों को सूचना मिली पथराव का केस हुआ है. हमारी पूरी टीम वहां पहुंची तत्काल हमने उनको कहा एफआईआर करवाएं. लेकिन उस वक्त वो रिलकटेंट थे, आधे पौने घंटे बाद एफआईआर करवाई गई. जब सीसीटीवी फुटेज देखा, एक तो अभी तक मिला नहीं बाकी जो 2 हैं वो दोनों वहां नहीं थे, एक तो दुकान पर था इसके प्राथमिक तौर पर सबूत मिले हैं. वहां गवाहों से पूछा वो लोग भी बयान देने नहीं आए. कोई ऐसा सबूत नहीं मिला कि ये घटना हुई है.

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सच्चाई क्या है ये CCTV और पुलिस की जांच तय करेगी. लेकिन ये साफ़ है कि संवेदनशील मौक़े पर नेताओं ने बयानबाज़ी से 'नैरेटिव' रचने की जल्दबाज़ी दिखाई. वहीं धर्म के जानकार ये भी पूछ रहे हैं कि अनंत चतुर्दशी खत्म होने के बाद श्राद्ध पक्ष में विग्रह का विसर्जन क्यों हो रहा है.

एडिश्नल डीसीपी शालिनी दीक्षित ने कहा झूठी एफआईआर अगर इस तरह से जांच में आएगा तो हम कानून सम्मत कार्रवाई करेंगे.

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