राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है. रविवार देर रात एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को भी एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि राकांपा के नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं. जयंत पाटिल ने कहा कि अजित पवार का कदम गैरकानूनी है.
उन्होंने शपथ ग्रहण करने वाले विधायकों को लेकर कहा कि उन्होंने यह नहीं कहा कि वे पार्टी छोड़ रहे हैं, लेकिन ये नेता पार्टी विरोधी काम कर रहे हैं. इन विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए, यह हमारा आधिकारिक रुख है.
पाटिल ने बागी विधायकों की संख्या के बारे में कहा कि मैं आज संख्याओं के बारे में बात नहीं कर रहा हूं क्योंकि कई लोग वापस आना चाहते हैं. इसलिए हम उन लोगों की बात कर रहे हैं जो वास्तव में सरकार में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाएंगे, तो उन्हें समझ आएगा कि बहुमत शरद पवार के साथ है और वे भी हमारे साथ आएंगे.
पाटिल ने कहा कि हमें लगता है कि उन्होंने एक हलफनामा बनाया होगा और राज्यपाल को यह दावा प्रस्तुत किया होगा कि उनके पास बहुमत है. उन्होंने कहा कि सच्चाई जानने के लिए राज्यपाल को हमसे संपर्क करना चाहिए था, लेकिन किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया. जब यह पता चलेगा कि राज्यपाल को क्या जानकारी दी गई है, तभी हम कुछ बताने की बेहतर स्थिति में होंगे.
शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित पार्टी को रविवार दोपहर उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए.
बताया जा रहा है कि पिछले महीने सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना अजित पवार के विद्रोह का कारण बना.
ये भी पढ़ें :
* महाराष्ट्र 'महाभारत' पार्ट-2 : NCP में 'टूट', अजित की बगावत, अब क्या करेंगे शरद पवार? 10 बड़ी बातें
* अजित पवार की BJP को क्यों जरूरत? NCP नेता ने एकनाथ शिंदे को चेताया
* अजित पवार के पाला बदलने के बाद, दोनों ही गुटों के पास क्या है आगे का रास्ता?