मदर टेरेसा का जीवन बीमार और बेसहारा लोगों के लिए रहा समर्पित, जयंती पर ऐसे याद कर रहे लोग

Mother Teresa Birth Anniversary: देश में मदर टेरेसा (Mother Teresa) की 111वीं जयंती मनाई जा रही है. उन्होंने अपना पूरा जीवन बीमार और बेसहारा लोगों की सेवा में बिता दिया. 

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मदर टेरेसा को शांति के नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा गया. (फाइल)
नई दिल्ली:

Mother Teresa Birth Anniversary: देश में मदर टेरेसा (Mother Teresa) की 111वीं जयंती मनाई जा रही है. अपने जीवन को बीमार और समाज के सबसे निचले पायदान पर मौजूद लोगों की सेवा में लगाने के लिए उन्हें आज श्रद्धा से याद किया जा रहा है. उनका जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बानिया में हुआ था. कम उम्र में ही वह भारत आ गईं और उसके बाद यहीं की होकर रह गईं. उन्होंने अपना पूरा जीवन बीमार और बेसहारा लोगों की सेवा में बिता दिया. 

मदर टेरेसा को उनकी सेवा भावना के लिए 1979 में शांति के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया. वहीं 25 जनवरी 1980 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया. 

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5 सितंबर 1997 को को उनका निधन हो गया. हालांकि इसके बाद भी वह अपने किए गए कार्यों से लोगों को मानवता की राह दिखाती रहीं हैं. मदर टेरेसा को उनकी मृत्यु के 19 साल बाद 4 सितंबर 2016 को कलकत्ता की संत टेरेसा के रूप में संत घोषित किया गया. 

उनकी जयंती पर सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके कार्यों को याद किया और उनके आदर्शोंं को आत्मसात करने की बात की है.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन्हें ट्विटर पर श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा, 'भारत रत्न और नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा जी की जयंती पर उन्हें नमन, उन्होंने निर्मल हृदय की स्थापना की और मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.'

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिखा, 'टाटा स्टील के लिए काम करने के बाद मैंने कालीघाट में मदर टेरेसा के आश्रम में स्वयंसेवक के रूप में काम किया. यह आध्यात्मिक अनुभव था, जिसने मुझे जीवन भर मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित किया. उनकी जयंती पर मैं उन लाखों लोगों में शामिल हूं, जिनके जीवन को उन्होंने छुआ था.'

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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लिखा, 'भारत रत्न मदर टेरेसा को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि. वह करुणा की प्रतिमूर्ति थीं और उन्होंने अपना पूरा जीवन बेसहारों और कमजोर लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया. आजीवन उनकी प्रतिबद्धता ऐसे लोगों के प्रति रही जिन्हें कभी प्यार नहीं मिला और जिनकी कभी किसी ने परवाह नहीं की, हमें प्रेरित करती रहती है.' 

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