गुजरात हादसा : पुल ठेकेदारों के दफ्तर पहुंची पुलिस, लेकिन वहां लगा मिला ताला, फिर...

पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि Oreva मरम्मत कार्य के लिए योग्य नहीं थी, फिर भी उसे 2007 में और फिर 2022 में काम दिया गया.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
पुल टूटने पर 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
मोरबी:

कुछ पुलिसकर्मी गुरुवार सुबह Oreva ग्रुप के दफ्तर पहुंचे, लेकिन वहां पर ताला लगा मिला. जिसके बाद पुलिसकर्मी लौट गए. यह वही कंपनी है, जिसके पास उस पुल के मरम्मत का कॉन्ट्रेक्ट था, जिसके टूटने पर 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.

कुछ रिपोर्ट्स में इसे 'छापेमारी' करार दिया गया है, जबकि पुलिस सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि यह दौरा कंपनी के गिरफ्तार किए गए नौ कर्मचारियों के कुछ दावों की जांच करने पुलिसकर्मी वहां गए थे. 

"ना तो ऑडिट और ना ही अच्छी सामग्री का हुआ इस्तेमाल", मोरबी हादसे की ये हैं 10 वजहें

कंपनी का शीर्ष प्रबंधन (जो मुख्य रूप से 'अजंता' दीवार घड़ियां बनाने के लिए जाना जाता है) को किसी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा है. इसमें इसके प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल शामिल हैं, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि पुल मरम्मत के बाद कम से कम आठ-दस साल टिक जाएगा. पुल को निर्धारित समय से पहले 26 अक्टूबर को फिर से जनता के लिए खोल दिया गया था. 

जयसुखभाई पटेल ने मोरबी नगर निगम के साथ कॉन्ट्रेक्ट किया था.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ ही मृतकों के रिश्तेदार भाजपा सरकार पर सवाल रहे हैं कि कॉन्ट्रेक्ट साइन करने वाले Oreva और मोरबी नगर निगम के अधिकारियों के नाम शिकायत में क्यों नहीं दर्ज हैं. 

कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक, कंपनी को पुल को मरम्मत के लिए 8-12 महीने तक बंद रखना था. लेकिन सिर्फ सात महीने बाद इसे फिर से खोल दिया गया और चार दिन बाद यह गिर गया.

"भगवान की इच्छा थी कि..." : गुजरात के मोरबी पुल हादसे में गिरफ्तार मैनेजर ने कोर्ट से कहा

पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि Oreva मरम्मत कार्य के लिए योग्य नहीं थी, फिर भी उसे 2007 में और फिर 2022 में काम दिया गया. यह कॉन्ट्रेक्ट 15 साल के लिए दिया गया था. ओरेवा ने काम के लिए एक छोटी फर्म को हायर किया था.

Advertisement

माचू नदी पर बने पुल के फर्श को बदल दिया गया था लेकिन उसके केबल नहीं बदले गए थे. अभियोजन पक्ष ने कहा कि केबल नई फर्श (चार-परत वाली एल्यूमीनियम शीट) का वजन नहीं सहन कर सकीं और टूट गया.

सरकारी वकील एचएस पांचाल ने मीडिया से कहा कि गिरफ्तार किए गए ओरेवा ग्रुप के एक मैनेजर ने स्थानीय कोर्ट में राहत की मांग करते हुए हादसे को "भगवान का मर्जी" करार दिया था.

Advertisement

Ground Report: जंग लगे तारों की वजह से टूटा मोरबी पुल

Featured Video Of The Day
Chhath 2024: झरिया से BJP उम्मीदवार Ragini Singh ने बताई त्योहार के साथ चुनाव की तैयारी | Jharkhand Elections