दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पेश हो गया है. गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसे लोकसभा में पेश किया, जिसका अधीर रंजन चौधरी ने विरोध किया. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये बिल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. ये बिल अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा हुआ है. लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश होते ही हंगामा शुरू हो गया. आम आदमी पार्टी ने इसे संसद में आज तक पेश सबसे अलोकतांत्रिक, अवैध दस्तावेज करार दिया है.
आम आदमी पार्टी ने इस बिल के विरोध के लिए कई विपक्षी पार्टियों का समर्थन मांगा था. बिल के लोकसभा में पेश होने पर आम आदमी पार्टी ने कहा, "दिल्ली सेवा अध्यादेश का स्थान लेने वाला विधेयक संसद में आज तक पेश सबसे अलोकतांत्रिक, अवैध दस्तावेज है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 दिल्ली में लोकतंत्र हटाकर ‘बाबूशाही' स्थापित करेगा. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के सभी सदस्य तथा संविधान का सम्मान करने वाले सदस्य दिल्ली सेवा अध्यादेश का स्थान लेने वाले विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे."
बता दें कि दिल्ली सेवा बिल पर मोदी सरकार को अब बीजू जनता दल (BJD) का साथ भी मिल गया है. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सेवा बिल पर बीजेडी संसद में मोदी सरकार का समर्थन करेगी. बीजेडी लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में दिल्ली सेवा बिल के समर्थन में वोट डालेगी. बीजेडी के समर्थन के बाद दिल्ली सेवा बिल का राज्यसभा में पारित होना पक्का हो गया है. इसे आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. बीजेडी के राज्य सभा में नौ सांसद हैं. दिल्ली सेवा बिल के पक्ष में अब कम से कम 128 वोट पक्के हो गए हैं.
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