दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को 30 मई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था और वे ईडी की हिरासत में हैं. 

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जैन के वकील हरिहरन ने कोर्ट से कहा उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है.
नई दिल्ली:

Money Laundering Case: मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की जमानत याचिका पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब शनिवार को दोपहर 12 बजे इस मामले में कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगा. मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से आज कोर्ट में उनके वकील हरिहरन पेश हुए थे.. दरअसल तबियत खराब होने के चलते कपिल सिब्बल पेश नहीं हो पाए. जमानत के लिए आवश्यक तीन बिंदुओं यानी विदेश भागने का डर, सबूतों को नष्ट या छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित या धमकाने का रिस्क को गिनाते हुए हरिहरन ने कोर्ट के सामने अपनी दलील रखी. 

अपनी दलील रखते हुए जैन के वकील ने कहा कि सत्येंद्र जैन के देश से बाहर भागने का कोई खतरा नहीं है, यहां तक कि मामले की जांच के दौरान वो विदेश गए थे और वापस लौटकर आए. दूसरा, ज़्यादा तर सबूत दस्तावेजी हैं जोकि एजेंसी पहले ही इकट्ठा कर चुकी है. ऐसे में उनके साथ छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है. तीसरा कि जहां तक गवाहों को धमकाने की बात है तो इस मामले में 2018 से जांच चल रही है. पहले IT, CBI और अब ED भी उनसे पूछताछ कर चुकी है. कभी किसी गवाह ने प्रभावित या धमकाने की बात नहीं कही. जैन के वकील हरिहरन ने कोर्ट से कहा वे 13 दिनों की रिमांड पर थे. उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है.

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सत्येंद्र जैन के वकील हरिहरन ने कोर्ट से कहा कि कंपनी की संपत्ति शेयरधारकों की संपत्ति नहीं है. अटैचमेंट ऑर्डर रिकॉर्ड करता है कि बेनामी लेनदेन में निषेध अधिनियम के आदेश में चेक अवधि से परे संपत्ति शामिल है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज कर समन जारी किया गया था.  उस समन आदेश को उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी और उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से मामले की सुनवाई के लिए प्रतीक्षा करने को कहा है.  उस मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 26 अगस्त है.

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ECIR दर्ज होने के बाद मैं 7 बार पूछताछ के लिए ED के सामने पेश हो चुका हूं. PMLA के सेक्शन 50 के तहत दर्ज किए गए बयान. जिस समय मेरी रिमांड ली गई थी, उस समय ED ने 2 ट्रस्टों- लाला शेर सिंह मेमोरियल ट्रस्ट को रेफर कर दिया था.  जहां तक ​​जैन का सवाल है, वे 2008-2013 तक अध्यक्ष रहे.  जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.  वे जिन प्रविष्टियों की बात करते हैं, वे जून 2018 से संबंधित हैं. वे प्रविष्टियां वैभव जैन और उनकी कंपनियों को स्थानांतरित कर दी गईं. हमारे उपनाम जैन के अलावा, वैभव और सत्येंद्र जैन के बीच कोई संबंध नहीं है. इसका मतलब ये नहीं है कि सत्येंद्र जैन देश के हर जैन से संबंधित हैं. सत्येंद्र जैन के वकील हरिहरन की तरफ से जमानत याचिका पर बहस पूरी, अब ईडी के वकील अपनी दलील पेश कर रहे हैं.

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बता दें कि जैन (57) को 30 मई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था और वे ईडी की हिरासत में हैं. ईडी ने जैन और उनके कथित सहयोगियों के परिसरों पर धन शोधन जांच के तहत  छापेमारी भी की थी. जिसमें  2.85 करोड़ रुपये नकद और 133 सोने के सिक्के मिले थे.

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