Exclusive: बांग्लादेश तख्तापलट की असली वजह क्या हैं? सत्ता संभालने को तैयार मोहम्मद यूनुस ने बताया

डॉ. यूनुस नोबेल पुरस्कार विजेता हैं. गरीबों को बेहतर जिंदगी मिले इसके लिए उन्होंने बांग्लादेश में कई कार्य किए. चर्चा है कि वो नई सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं.

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नई दिल्ली:

बांग्लादेश में हुए राजनीतिक उठापटक के बाद अब अंतरिम सरकार के गठन की बात हो रही है. जानकारी के अनुसार  नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस (Nobel Winner Dr Yunus) अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र आंदोलन के प्रमुख कोऑर्डिनेटर में से एक नाहिद इस्लाम ने कहा कि उन्होंने पहले ही डॉ. मोहम्मद यूनुस से बात की है. बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद के हालातों को लेकर एनडीटीवी के साथ  डॉ. मोहम्मद यूनुस ने बात की. उन्होंने हाल की घटनाओं के लिए पूरी तरह से शेख हसीना की सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

मोहम्मद यूनुस ने बताया कि इन हालातों के लिए सबसे अहम कारण लोकतंत्र को सही जगह नहीं देना है. बांग्लादेश में सही से चुनाव नहीं हुए. लगातार शेख हसीना सत्ता में रही थीं. वो काफी शक्तिशाली हो गईं थी. वन कंट्री, वन लीडर, वन नरेटिव, वन पॉलिसी जैसी नीतियों के कारण लोग परेशान थे. बेरोजगारी के कारण छात्र आंदोलन कर रहे थे. यही सब प्रमुख वजह थी जिसके कारण यह घटना हुई.

युनूस को भी मिली थी सजा
ढाका की एक अदालत ने 2024 की शुरुआत में ही नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को एक केस में 6 महीने की सज़ा सुनाई थी. ये केस लेबर लॉ को तोड़ने से जुड़ा हुआ था. सज़ा सुनाए जाने के बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी. उन्हें इस सज़ा के ख़िलाफ़ अपील के लिए 30 दिनों की मोहलत दी गई थी. मोहम्मद यूनुस नॉन प्रॉफ़िट कंपनी ग्रामीण टेलकॉम के चेयरमैन हैं जिसका बांग्लादेश टेलिकॉम सेक्टर में 34 फ़ीसदी हिस्सेदारी है.उन पर आरोप लगाया गया कि कंपनी के जिन 67 कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी किया जाना था वो नहीं किया गया। कर्मचारी कल्याण कोष की स्थापना भी नहीं की गई.  कंपनी की नीति के मुताबिक़ डेविडेंट में से 5 फ़ीसदी कर्मचारियों को दिया जाना था जो नहीं दिया गया. इस आरोपों के आधार पर मोहम्मद यूनुस के साथ कंपनी के तीन और चेयरमैन को भी सज़ा सुनाई गई. 

मोहम्मद यूनुस नॉन प्रॉफ़िट कंपनी ग्रामीण टेलकॉम के चेयरमैन हैं जिसका बांग्लादेश टेलिकॉम सेक्टर में 34 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. उन पर आरोप लगाया गया कि कंपनी के जिन 67 कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी किया जाना था वो नहीं किया गया. 

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कौन हैं डॉ. यूनुस?
डॉ. यूनुस नोबेल पुरस्कार विजेता हैं. गरीबों को बेहतर जिंदगी मिले, इसके लिए उनकी कोशिशें काबिले तारीफ हैं. उन्होंने गरीबों के लिए बैंकिंग सुविधा संबंधी प्रयोग किया. जिसकी वजह से ही बांग्लादेश को लघु लोन का केंद्र होने की पहचान मिल सकी. उनको साल 2006 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था. यह पुरस्कार उनको ग्रामीण बैंक के जरिए गरीबी उन्मूलन चलाने के लिए दिया गया था. वह दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बने. उनने इस तरीके को और महाद्वीपों ने भी फॉलो किया. यूनुस का हसीना सरकार के साथ विवाद भी रह चुका है. साल 2008 में जब शेख हसीना सत्ता में आईं तो यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू कर दी गईं. साल 2011 में सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में उनको वैधानिक ग्रामीण बैंक के संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया गया था.

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फिलहाल कहां हैं डॉ. यूनुस?
डॉ. यूनुस इन दिनों विदेश में हैं. वह ओलंपिक समिति के निमंत्रण पर मुख्य गेस्ट के रूप में पेरिस गए थे. लेकिन फिलहाल वह अपने इलाज के लिए विदेश में हैं. उनके जल्द से जल्द बांग्लादेश लौटने की उम्मीद जताई जा रही है.

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