राहुल गांधी संसद सदस्यता के लिए अयोग्य हो चुके, भले ही सज़ा 'अजीब' लगे : कपिल सिब्बल

कपिल सिब्बल ने कहा- "अगर अदालत सिर्फ सजा को निलंबित कर देती है, तो यह काफी नहीं है. निलंबन या दोषसिद्धि पर रोक होनी चाहिए. वह (राहुल गांधी) संसद के सदस्य के रूप में तभी रह सकते हैं, जब दोषसिद्धि पर रोक हो.

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कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा ज्वॉइन किया था और अब सपा से राज्यसभा सांसद हैं.
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मोदी सरनेम वाले मानहानि केस (Defamation Case) में सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने इसके साथ ही राहुल गांधी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि, अदालत ने राहुल गांधी को तत्काल जमानत भी दे दी. साथ ही उन्हें ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत देते हुए उनकी सजा को निलंबित किया है. इस पूरे मामले में बीजेपी और विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इस बीच पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ( Kapil Sibal) ने बड़ा बयान दिया है. सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी दो साल की जेल की सजा के साथ एक सांसद के रूप में स्वत: अयोग्य हो जाते हैं. यह सजा अपने आप में "विचित्र" है.

देश के जाने-माने वकील और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि मानहानि केस में 2 साल की सजा होने के बाद राहुल गांधी कानून के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जा सकते हैं. NDTV से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा- "अगर अदालत सिर्फ सजा को निलंबित कर देती है, तो यह काफी नहीं है. निलंबन या दोषसिद्धि पर रोक होनी चाहिए. वह (राहुल गांधी) संसद के सदस्य के रूप में तभी रह सकते हैं, जब दोषसिद्धि पर रोक हो.

सिब्बल ने समझाया, 'कानून कहता है कि अगर किसी विधायक या सांसद को किसी अपराध के लिए दो साल की सजा सुनाई जाती है, तो संबंधित विधायक या सांसद की सीट खाली हो जाएगी. स्वाभाविक रूप से अध्यक्ष कानून के अनुसार आगे बढ़ेंगे."

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साल 2013 में लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि "कोई भी सांसद, विधायक या एमएलसी जिसे अपराध का दोषी ठहराया जाता है और न्यूनतम 2 साल की जेल की सजा सुनाई जाती है, वह तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है".

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‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951' की धारा 8 (3) के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे 2 साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद या विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी. वह रिहाई के 6 साल बाद तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा.

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‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट' की धारा 8 (4) कहती है कि दोषी सांसद या विधायक की सदस्यता तुरंत खत्म नहीं होती. उसके पास तीन महीने का समय होता है. इस दौरान अगर वह हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर देता है तो उस अपील की सुनवाई पूरी होने तक सदस्यता नहीं जाती. अगर वह अपील नहीं करता है तो तीन महीने बाद उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है.

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