मोदी कैबिनेट ने चार नए बिलों को दी मंजूरी, जानें प्राइवेट कंपनियों को होगा क्या फायदा

कैबिनेट ने एक और अहम बिल को मंजूरी दी है, जो आने वाले दिनों में राजनीतिक विवाद भी पैदा कर सकता है. इस बिल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी क़ानून यानि मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोज़गार गारंटी क़ानून करने का प्रावधान है.

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मोदी कैबिनेट ने लिया बड़ा फ़ैसला.
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  • केंद्रीय कैबिनेट ने PM मोदी की अध्यक्षता में चार नए बिलों को मंजूरी दी है जो आर्थिक सुधारों से जुड़े हैं.
  • परमाणु ऊर्जा संशोधन बिल में निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की अनुमति देने का प्रावधान है.
  • सरकार ने 2047 तक देश में 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चार नए बिलों को मंजूरी दी गई. चारों बिल बेहद अहम माने जा रहे हैं, इनमें दो बिल आर्थिक सुधारों से जुड़े हैं. सरकार ने औपचारिक तौर पर तो इन फ़ैसलों की जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक़ इन बिलों को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इनको अगले हफ़्ते संसद में पेश किया जाएगा.

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परमाणु ऊर्जा संशोधन बिल पर मुहर

इनमें सबसे अहम है परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में लाया जाने वाला नया बिल. सूत्रों के मुताबिक़ सरकार ने परमाणु ऊर्जा संशोधन बिल पर मुहर लगा दी है. इस बिल में परमाणु क्षेत्र को निजी निवेश के लिए खोले जाने का प्रावधान है. संसद से मंजूरी मिलने के बाद जब बिल क़ानून बन जाएगा तब परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियां भी निवेश कर सकेंगी. अभी तक इस सेक्टर में केवल सरकारी कंपनियां ही निवेश कर सकती हैं.

निजी निवेश को मंजूरी देने की वजह क्या?

निजी निवेश को मंजूरी दिए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि मोदी सरकार ने 2047 तक देश में 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा पैदा करने की क्षमता विकसित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. सरकार का मानना है कि ऐसा तभी संभव है अगर निजी कंपनियों को भी इस क्षेत्र में निवेश करने का मौक़ा दिया जाए. प्रधानमंत्री मोदी खुद इस बारे में बात कर चुके हैं.

उच्चतर शिक्षा में भी बड़े बदलाव की तैयारी

कैबिनेट की बैठक में इंश्योरेंस के क्षेत्र में निजी निवेश की वर्तमान सीमा 74 फ़ीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने से जुड़े बिल को भी मंजूरी मिल गई. वहीं देश की उच्चतर शिक्षा में भी बड़े बदलाव की तैयारी है. कैबिनेट की बैठक में उच्चतर शिक्षा के लिए एक नए नियामक संस्थान बनाने की योजना है और इसके लिए भी एक नए बिल को मंजूरी दे दी गई है.

मनरेगा का नाम बदलने की तैयारी

कैबिनेट ने एक और अहम बिल को मंजूरी दी है, जो आने वाले दिनों में राजनीतिक विवाद भी पैदा कर सकता है. इस बिल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी क़ानून यानि मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोज़गार गारंटी क़ानून करने का प्रावधान है. इतना ही नहीं , नाम के अलावा मनरेगा की संरचना और प्रावधानों में भी बदलाव की तैयारी है. सूत्रों के मुताबिक़ मनरेगा के तहत जहां 100 दिनों के रोज़गार की गारंटी होती है, वहीं नए क़ानून में उसे बढ़ाए जाने की संभावना है. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लगातार ये आरोप लगाती आ रही है कि मोदी सरकार मनरेगा के तहत उसके हक़ का पैसा नहीं दे रही है. वहीं मोदी सरकार लगातार कहती आई है कि बंगाल में मनरेगा के तहत भ्रष्टाचार की व्यापक शिकायतें मिली हैं और राज्य सरकार से उसकी जांच करने के लिए कहा गया है लेकिन जांच नहीं की जा रही है.

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